सोमवार, 10 जनवरी 2022

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ महेश दिवाकर की सजल --महाशक्ति करती अगवानी; हिंदी - गौरव - रथ आया है!



हिंदी विश्व दिवस आया है।

मनो बसंत विश्व छाया है!


देश-देश में बजी दुन्दुभी;

हिंदी - केतन लहराया है!


महाशक्ति करती अगवानी;

हिंदी - गौरव - रथ आया है!


नभ में इंद्रधनुष शोभित हैं;

तोरण द्वार क्षितिज लाया है!


चमके सूरज, चांद, सितारे;

सिंधु धरा पर लहराया है!


नदियां, झीलें, पर्वत गाते;

स्वर्ग उतर वसुधा आया है!


खिली हुई है मधुर चांदनी;

विश्व पटल अति हर्षाया है!


उपवन-कानन सुमन खिले हैं;

हिंदी की अद्भुत माया है!


✍️डा. महेश 'दिवाकर '

मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत

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