सब सुखी हों स्वस्थ हों
उत्कर्ष पायें
हैं यही नववर्ष की
शुभकामनायें
अब न भूखा एक भी जन
देश में हो
अब न कोई मन कहीं भी
क्लेश में हो
अब न जीवन को हरे
बेरोज़गारी
अब न कोई फै़सला
आवेश में हो
हम नयी कोशिश
चलो कुछ कर दिखायें
हैं यही नववर्ष की
शुभकामनायें
धर्म के उन्माद का
ना हो अंधेरा
दूर ले जाये कहीं
हिंसा बसेरा
हो तनिक न जातिगत
विद्वेष का विष
फिर उगे विश्वास का
नूतन सबेरा
हों सुगंधित प्यार से
सारी दिशायें
हैं यही नववर्ष की
शुभकामनायें
✍️ योगेन्द्र वर्मा 'व्योम'
मुरादाबाद,उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल-9412805981
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (05-01-2022) को चर्चा मंच "नसीहत कचोटती है" (चर्चा अंक-4300) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपका हृदय से बहुत बहुत आभार ।
हटाएंसबके लिए बहुत अच्छी नेक कामना
जवाब देंहटाएंआपका भी नववर्ष मंगलमय हो
🙏🙏🙏बहुत बहुत धन्यवाद आपका
हटाएंसुन्दर रचना! नववर्ष सभी के लिए सुखद हो!
जवाब देंहटाएंआभार आपका 🙏🙏🙏🙏🙏
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