सोमवार, 10 जनवरी 2022

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ राकेश चक्र की रचना ---मैं हिन्दी हूं ...


मैं भारत की प्यारी हिंदी।

जन-जन की उजियारी हिंदी।।


मैं तुलसी की सृष्टि बनी।

मैं सूरदास की दृष्टि बनी।।


मैं हूँ मीरा की  पथगामी।

मैं हूँ कबीर की सतगामी।।


मैं रत्नाकर के छंद बनी।

मैं खुसरो की हूँ बन्द बनी।।


मैं घनानंद की प्रवाहिका।

मैं निराला की अनामिका।।


मैं बसंत का गीत बनी।

फिल्मों का संगीत बनी।।


मैं मोक्षदायिनी गंग बनी।

 मैं सप्तरंग का रंग बनी।।


मैं ही जीवन का सत्य अटल।

मैं ही भारत का भाग्य पटल।।


मैं हूँ तुलसी का रामचरित।

सुरसरिता-सी महिमामंडित।।


 मैं जयशंकर की कामायनी।

मैं शस्य धरा की प्राणदायिनी।।


✍️ डॉ राकेश चक्र 

90 बी, शिवपुरी

मुरादाबाद 244001

उ.प्र .भारत

9456201857

Rakeshchakra00@gmail.com

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