मंगलवार, 2 मार्च 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ मक्खन मुरादाबादी का गीत ---कसा शिकंजा एक दिशा पर पागल हो, सब उठीं दिशाएं


कसा शिकंजा एक दिशा पर

पागल हो, सब उठीं दिशाएं


गीत,खेल,फिल्मों के ट्वीटर

क्या दे देंगे माल बज़ीफ़ा

पर्यावरण राह से आये

लिबरल होकर मियां ख़लीफा

घूम रहीं समझौता करती

उड़ती फिरती पस्त हवाएं


सत्ता सुख सुविधा से ख़ारिज

पचा न पाए कंगाली को

सोन चिरैया आती दीखी

मना न पाए दीवाली को

गढ़ते गाली रोज़ निराली

विचलित फिर भी नहीं ऋचाएं


पूंछ भैंस की पकड़ चाहते

चतरू खुद को पार लगाना

डुबक भैंसिया कब जायेगी                 

संभव नहीं जान यह पाना

अतिशयता में अनगिन डूबे

अनदेखी कर सत्य कथाएं

✍️ डॉ. मक्खन मुरादाबादी

झ-28, नवीन नगर, कांठ रोड, मुरादाबाद 244001,उत्तर प्रदेश,भारत, मोबाइल : 9319086769

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