गुरुवार, 3 दिसंबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार अशोक विश्नोई की लघुकथा -----बिस्कुट का पैकिट

       


  मोहन के पड़ोस में शोर मच रहा था ,मिठाई बांटी जा रही थी मोहन ने एक बच्चे से पूछा क्या बात है ? पता चला कि पड़ोसी एक डॉगी खरीद कर लाये हैं उस खुशी में मिठाई बांटी जा रही है।यह सुन कर वह अपनी बीमार माँ के पास आकर बैठ गया।" माँ ने पूछा कैसा शोर है बेटा।" 

       " कुछ नहीं माँ , यह बताओ कुछ खाया या नहीं, माँ मैं कल तेरी दवाई जरूर ले आऊँगा।" पर अपनी दयनीय स्थिति को  देख उसकी आंखों में आँसू आ गये, उसका गला रुंध गया ।                                       

   "  मन ही मन बड़बड़ाया पड़ोस में कुत्ते की ख़ुशी में ---------। यह सोच कर उसने एक लम्बी सांस ली,,,,।"

     "फिर भरे मन से पत्नी से बोला कुछ पैसे पड़े हों तो दे दो कम से कम एक बिस्कुट का पैकिट ले आऊं माँ उसे खाकर पानी तो पी लेगी------।"

✍️ अशोक विश्नोई, मुरादाबाद

मो० 9411809222

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