शुक्रवार, 4 दिसंबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ पुनीत कुमार की लघुकथा ----- चिड़ियाघर


निकुंज पिछले एक मास से चिड़ियाघर देखने की जिद कर रहा था। उसके पापा राजेन्द्र अपने व्यापार में इतने व्यस्त थे कि उसके लिये समय नहीं निकाल पा रहे थे।

   इसी बीच राजेन्द्र के बड़े साले रवीश का राजेन्द्र के यहां आना हुआ।रवीश संसदीय व्यवस्था के गुण- दोषों पर शोध कर रहा था।दिल्ली के संसद भवन की कार्यवाही पर उसको एक रिपोर्ट तैयार करनी थी। वो अपने साथ निकुंज को भी़ संसद की कार्यवाही दिखाने के लिए ले गया।

  उस दिन के बाद से राजेन्द्र बहुत सुकून का अनुभव कर रहे हैं। अब निकुंज चिड़ियाघर देखने की जिद नहीं करता।

✍️ डाॅ पुनीत कुमार

T -2/505, आकाश रेजिडेंसी, मधुबनी पार्क के पीछे, मुरादाबाद - 244001

M - 9837189600

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