शुक्रवार, 25 दिसंबर 2020

मुरादाबाद की साहित्यकार सरिता लाल की रचना -----प्रकृति शिव की पटरानी हो गयी....


चुपके से बरसी प्रेम बूंदों से

देखो ये सुबह सुहानी हो गयी

रातभर मधुर मिलन की खुशबु से

प्रकृति शिव की पटरानी हो गयी,


यूं धरती का‌ नभ‌ से आलिंगन

राधाकृष्णमय ये अद्भुत बंधन

गर्भ में समाये मिलन गीत अनमोल

मयूर सा नाच उठा अभिसारित सिंचन,


माटी का हर‌ कण देखो अब

स्वर‌ में‌ बजती वीणा की तान है

यही काम रूप सृष्टि में बहता

ये ही प्रेम‌गीत‌ इसकी ‌‌पहचान है,


नव यौवना सी सुन्दरता में पगी पगी 

मंत्रमुग्धा सी मैं रह‌गयी ठगी ठगी

बारिशों ने मासूमियत से ली जो अंगड़ाई

इन्द्रधनुष की लालिमा हो गयी‌ सजी सजी। ।


✍️ सरिता लाल

37-ए, मधुबनी

कांठ रोड

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत

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