आज अचानक जब मोनिका को फेसबुक पर हंसते मुस्कुराते हुए अपने नातियों के साथ देखा। तो मन बहुत खुश हो गया ।
जीवन में कभी कभी ऐसे पल आते है जब किसी दूसरे के जीवन की झांकी हमें बहुत कुछ सिखा जाती है। मोनिका की जीवन की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी,याद आए वो दिन जब हम दोनों स्कूल से लेकर कालेज की पढ़ाई तक एक दूसरे की सच्ची दोस्ती निभाने में कौई कसर नहीं छोड़ते थेैं। बचपन से साथ खेल कर जवानी की दहलीज पर कदम रखा और दोनों के घरों में तैयारियां होने लगीं थीं कि अब इन्हें पराए घर जाना है । मोनिका ब्रह्ममण परिवार की चार भाई बहनों में सबसे बड़ी संतान थी, खूबसूरत भी थी , पैसे की भी कमी न थी तो घर और वर दोनों सुयोग्य मिलने में कौई परेशानी तो होनी ही नहीं थी। सुयोग्य वर ढूंढने में रिश्तेदारों ने भी कौई कसर न छोड़ी , लेकिन सब कुछ अच्छा होने के बावजूद बात नहीं बन पाती थी , क्योंकि वर और कन्या की कुण्डली में पंडित जी कौई न कौई कमी निकाल ही देते थे।इस बीच मेरी शादी माता पिता ने अपनी हैसियत और प्रतिष्ठा के अनुसार बिना कुंडली मिलान के कर दी।लेकिन मोनिका की कुंडली उसके घरवाले और रिश्तेदारों के कारण नहीं मिल पा रही थी । उम्र निकलती जा रही थी मोनिका अब अपना ध्यान पढ़ाई पर लगाने लगी थी और उसकी पी एच डी भी पूरी हो गयी थी।
एक दिन एक रिश्ता ऐसा भी आया कि लड़के वालों को उसकी छोटी बहन पसंद आ गयी और उसकी कुंडली भी लड़के से मिलान कर गयी। परिवार वालों ने मोनिका के भाग्य को कोसना शुरू कर दिया था, अब मोनिका की सहनशक्ति जवाब दे गयी थी और फिर उसने वो फैसला लिया जो परिवार वालों के खिलाफ, था ,, पहुंच गयी थी एक दिन सिध्दार्थ के घर जो उन दिनों छुट्टी में घर आया हुआ था,।हम सब के साथ उसने स्कूल से लेकर कालेज तक की पढ़ाई की थी और कभी कभी मजाक में कह देता था , मोनिका क्या मुझसे शादी करोगी?और मोनिका जिसे अपने परिवार और खूबसूरती पर नाज था मुंह बना कर कह देती थी ,इतने काले लड़के से कौन करेगा शादी ,मेरी तुम्हारी कुंडली तो यहीं मिलान नहीं करती,आगे तो भगवान ही मालिक होगा और वो अपना सा मुंह लेकर चुप हो जाता था । पढ़ने में और अन्य क्रियाकलापों में होशियार था ग्रेजुएशन करने के तुरंत बाद उसका चयन आर्मी में सेकंड लेफ़्टिनेंट के पद पर हो गया था,पर अब तक शादी नहीं की थी पूछने पर हंस कर कहता किसी से कुंडली मिलती नहीं जब मिल जाएगी तो कर लूंगा। अचानक मोनिका को सामने देख कर वो भी अपने घरपर, भौचक रह गया था , मोनिका ने बिना किसी औपचारिकता के सीधा सवाल किया था"सिध्दार्थ क्या मुझसे शादी करोगे?? सिध्दार्थ को समझ नहीं आया कि वो सपना है या हकीकत, अचकचा गया और बोला ....वो.. कुंडली....का मिलान.....बात पूरी से पहले ही मोनिका ने उसका हाथ पकड़ कर कहा "वो मैं मिला लूंगी बस तुम्हारी हां की जरुरत है।"सिध्दार्थ के मुंह से हां निकलते ही मोनिका ने घरवालों से पूछा शादी आप लोग करेंगे या मैं कोर्ट में कर लूं और फिर घरवालों ने अपनी बदनामी के डर से न चाहते हुए भी साधारण तरीके से शादी कर दी थी। अाज वहीं मोनिका अपनी छोटी बहन से भी ज्यादा सम्पन्न और सुखी थी क्योंकि उसने अपनी कुंडली खुद मिलायी थी।
✍️ मंगलेश लता यादव
जिला पंचायत कोर्ट रोड
मुरादाबाद 244001
मोबाइल फोन नंबर 9412840699
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