मेरा एक पुत्र होगा। जिसका नाम बालेश्वर होगा। वह बारहवीं कक्षा में आते-आते चार बार फ़ैल होगा। उसे किसी भी कारोबार में कोई रूचि नहीं होगी। युवावस्था तक आते-आते उसे एक लड़की से प्रेम हो जायेगा। वह लड़की नगर के एम एल ए दान सिंह की पुत्री रत्नावती होगी। दोनों के बीच प्रेम इतना सुदृढ़ हो जायेगा की वह विवाह करना चाहेंगे। लेकिन क्योंकि मेरी पार्टी दान सिंह की पार्टी की विपक्षी पार्टी होगी। इसलिए मैं विवाह के लिए राज़ी नहीं होऊंगा। हम दोनों नेताओं के कारण हमारे बच्चों का जीवन खराब हो जायेगा। रत्नावती आत्महत्या कर लेगी। बालेश्वर सदमे में आ जायेगा। अगले माह चुनाव होंगे, चुनावों में दान सिंह की हार हो जायेगी। दान सिंह मुझसे बदला लेने की ठानेगा। चुनावों में हार और अपनी बेटी की मौत का जिम्मेदार मुझे समझेगा। घर पर गुंडे भेजेगा। लेकिन मेरी सुरक्षा में लगे पहरेदार उन गुंडों को मार डालेंगे। बात ऊपर तक पहुंचा दूंगा। पार्टी के बड़े नेता दान सिंह पर प्रतिबंध लगा देंगे। अगले चुनावों में निर्विरोध चुन लिया जाऊंगा। फिर अपनी पसंद की लड़की से बालेश्वर का विवाह करूँगा। दोनों सुख से रहेंगे। अगले आम चुनावों में बालेश्वर को पार्टी का टिकट दिला दूंगा। बालेश्वर जीत जायेगा। तब तक मेरी आयु भी साठ के करीब हो जायेगी।
आखिर मेरी शादी कब होगी?
✍️ नवाज़ अनवर ख़ान
च 21, कबीर नगर, एम डी ए कालोनी
मुरादाबाद 244001
मो. 8057490457
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