गुरुवार, 7 मई 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार अनुराग रोहिला की लघुकथा----- नसीहत


कितनी बीड़ी पीते हो रामलाल तुम
कहते हुए डॉक्टर साहब ने रामलाल के सीने पे अपना स्टेथोस्कोप रख दिया
अरे डॉक्टर साहब हमार खाना ही  हजम नही होत ,जब तलक दुइ चार सुट्टा न लगाई लेह
फिर भी अपनी सेहत का तो तुमको खुद ही ध्यान रखना चाहिए ,वरना दवा भी असर नहींं करेगी एक दिन डॉक्टर साहब ने नसीहत दी
आज से कसम खाते हैंं सरकार अब नहींं पीहे बीड़ी वादा रहा हमार रामलाल ने  डॉक्टर साहब से वादा कर लिया और दवा लेकर अपने खेत पर चला गया
अरे रमन डॉक्टर साहब ने अपने कंपाउंडर को आवाज लगाई
जी सर रमन ने जबाब दिया
अरे भाई कैसे कैसे मरीज आते है पूरा दिन ,बस समझाते रहो इनको अपनी सेहत की जरा भी चिंता नहींं इन अनपढ़ गंवार लोगोंं को
अच्छा सुनो बहुत टेंशन है आज, जाओ पड़ोस की दुकान से हमारा  फेवरिट ब्रांड सिगरेट का  पैकेट पकड़ लो जरा, थोड़ा रिलेक्स हो जायेंं, भाई फिर अगला मरीज भेज देना ,
अभी लाया सर कहकर रमन सिगरेट लेने चला गया
और कुछ देर बाद डॉक्टर साहब खुद को रिलैक्स करते हुए धुएं के छल्ले उड़ाते हुए शून्य में निहार रहे थे ,अगला मरीज अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहा था !

✍️अनुराग रोहिला
 कटघर वीरसाह हज़ारी
मुरादाबाद उत्तर प्रदेश
मोबाइल फोन नम्बर-9837312131

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