गुरुवार, 7 मई 2020

मुरादाबाद की साहित्यकार स्वदेश सिंह की लघुकथा ------ सीख


सुनो बेटा ......आपकी मम्मी आप को घर पर बुला  रही हैं ...जल्दी से मेरे मिनी मेट्रो में बैठ जाओ .... ट्यूशन से पढ़कर आती हुई साक्षी को रोककर ऑटो वाले ने कहा.... साक्षी ने ऑटो वाले की आवाज को अनसुना करते हुए तेज कदमों के साथ वह अपने घर की तरफ बढ़ती रही ....... साक्षी कक्षा चार में पढ़ने वाली छात्रा थी जो कि घर के ही पास ट्यूशन पढ़ने के लिए शाम को 4:00 बजे जाती थी और 6:00 बजे घर लौटती थी ...परन्तु आज रास्ता में आतें समय उसे कुछ अंधेरा हो गया. .. जिसके कारण वह तेज -तेज कदमों से घर की तरफ जा रही थी ..... अचानक ऑटो वाले की आवाज  को सुनकर साक्षी को अपनी मम्मी के कहें शब्द याद आनें लगे....उसकी मम्मी प्रतिदिन स्कूल जानें से पहले एक सबक सिखाती थी जिसमें लड़कियाँ स्वयं अपनी रक्षा  कर सकें  और किसी भी  घटना का शिकार होने से  बच सकें। उन्होने सुबह ही अखबार में आई किसी घटना को पढ़ते हुए कहा कि बेटा कभी भी किसी अनजान पर विश्वास मत करना और यदि कोई आपसे कहे कि आपके मम्मी -पापा आपको बुला रहे हैं तो कभी भी उनके साथ बैठकर कहीं मत जाना .....क्योंकि यदि हमें तुम्हें बुलाना होगा तो हम खुद तुम्हें लेने आ जाएंगे ।  किसी अन्य को लेने के लिए नहीं भेजेंगे...   अपनी मम्मी के कहें शब्द साक्षी के दिमाग मे घूमने लगे  और वह तेज -तेज  कदमों से घर की तरफ बढ़ती रही.... और हांफते हुए  घर पहुंची ।साक्षी को हांफते हुए  देख कर  उसकी मम्मी ने घबरा गयी और सिर पर हाथ फेरते हुए पूछा   बेटा ....क्या ...हुआ ... साक्षी ने   हांफते हुए  सारी बात अपनी मम्मी को बताई .....उसकी मम्मी सारी बात  सुनकर स्तब्ध रह गयी और ईश्वर को मन ही मन धन्यवाद दिया कि आज उसकी दी हुई  सीख के कारण उसकी बच्ची सुरक्षित उसके पास है।और साक्षी को अपने गले से लगा लिया।

 ✍️  स्वदेश सिंह
सिविल लाइन्स
मुरादाबाद 244001
Mobile-9456222230

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