ममता का अमूल्य उपहार है मां !!
वात्सल्य की अजस्र जलधार है मां !!
खुद पीड़ा सहकर मां,पीड़ा से बचाती है !
दिन रात जागकर मां,बेटे को सुलाती है !
आंख मूंद ले लाल,सपनों में खो जा रे लाल ,
खुद थककर भी मां ,लोरियाँ सुनाती है !
जीवन है, अमृत की रसधार है मां !!
ममता का अमूल्य उपहार है मां !!
जब बाहर जाता हूँ, मां चिंतित रहती है !
हर आहट पर उठती, दरवाजा तकती है !
सबसे पूछती है, आया क्यों नहीं अब तक ?
जब तक न लौटूं घर,मां जागती मिलती है !
भीगी आंखों का,अधीर इंतज़ार है मां !!
ममता का अमूल्य उपहार है मां !!
जब तक नहीं खाता मैं, वह भूखी रहती है !
सूखी आंतों में वह ,इतनी ताकत रखती है !
खुद सूखा खाती है, मुझे घी दूध पिलाती है !
खुद आंसू पीती है,पर मुझको हंसाती है !
हर्ष और उल्लास का,एक संसार है मां !!
ममता का अमूल्य उपहार है मां !!
प्रेम और अनुराग, मां का आंचल देता है !
धूप और छांव का,सुखद अहसास देता है !
धरती सा धैर्य, स्वर्ग सा आकाश देता है !
तिमिर से पूरित मन को, प्रकाश देता है !
नेह और करुणा का,अमित भंडार है मां !!
ममता का अमूल्य उपहार है मां !!
✍️डा.अशोक रस्तोगी.
अफजलगढ़. बिजनौर.
मो.9411012038/8077945148
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