घर पहुँच कर उसने सबसे पहले अपना मास्क उतारा और फिर बाशवेशिन पर हाथों को साबुन से धोने लगी लेकिन उसका सिर इतना भारी हो रहा था कि नहाने और खाना खाने का तो मन ही नही कर रहा था लेकिन मम्मी के आगे उसकी एक न चली मनमार कर सब किया और सोने चली गई।
बिस्तर पर लेटते ही उसे लगा कि उसका सर फट जायेगा उसके कान और नाक बहुत गरम हो रहै थे आंखों से पानी निकल रहा था, उसने कानोंं को हाथ लगाया तो लगा जैसे करेंट लग गया उसके आगे बड़ी बड़ी दो आकृति आकर खडी़ हो गई " खबरदार जो हाथ लगाया मुझे परेशान हो चुका हूँ मै तुम सबकी फरमाइश पूरी करते करते " अभी उसकी बात पूरी भी नही हुई थी कि एक मिमियाती आवाज आई" तुम्हींं अकेले नहींं हो हम भी तुम्हारा बराबर का साथ दे रहै हैंं लेकिन उसकी पतली आवाज दबा दी गई " क्या साथ दे रहे हो बस जरा सा सहारा लगा दिया बाकी पूरा का पूरा बोझ मुझे ही ढोना पड़ता है सारे दिन। किसी पल चैन नही जब देखो तब मेरा ही काम चाहे पढना हो चाहे मनोरंजन करना हो चाहे बाहर जाना होऔर अब तो एक और नया काम जब देखो तब अपने ऊपर डोरियां चढाये रहो दर्द होता है मुझे भी सबकुछ मेरे ही ऊपर बस बहुत हो गया मै कल से हड़ताल कर दूंगा" । तभी एक नई आवाज आई " भैया तुम मत हड़ताल करना देखो तुम तो कोरोना वारियर हो आजकल तुम्हारे बिना हम सब अनाथ हो जायेंगे तुम ही तो हम सब की रक्षा करते हो माना कि आजकल तुम्हे काम ज्यादा करना पड़ता है लेकिन क्या करे समय ही ऐसा है मुझे देखो घंटो मोबाइल और कम्प्यूटर के आगे बैठे बैठे पसीना निकलने लगता दुखन होती है लेकिन क्या करे अगर हम साथ नही देगे तो अनिका का क्या होगा " तभी लम्बी लम्बी पतली आकृतियों ने आकर बोलना शुरू किया हमसे पूछो पूरे दिन हम साबुन और पानी के साथ लड़ाई करते है फिर ऊपर से तौलिया महाराज की रगड़ भी सहते है लेकिन हम हड़ताल नहीं कर सकते अगर हम मेसे किसी एक ने भी हड़ताल करदी तो हमारा सबका अस्तित्व ही खतम हो जायगा " । चारो तरफ शोर मचने लगा तरह तरह की आकृतियों ने अनिका को घेर लिया हमें आराम चाहिए नही तो हम हड़ताल कर देंगे...... शोर जब अधिक होने लगा तो एक मीठी सी आवाज आई " अरे मेरे प्यारे बच्चों तुम सब की इस समय अनिका को जरूरत है और इस समय हम हड़ताल नही कर सकते हमसब को मिलकर काम करना है तभी हम प्यारी अनिका को सुरक्षित रख पायेंगे। मै तुम्हारी माँ हूँ जैसा आदेश दूंगी करना पडेगा..इस सब शोर के बीच अनिका घबरा कर उठ गई वो पसीने से नहा गई थी उसने आंख खोल कर देखा सिर पर मां का हाथ था वो पूछने लगी क्या हुआ बेटा तब से कहे जा रही ह हड़ताल ....हडताल
बहुत देर सै तुम पता नहीं क्या क्या बोल रही हो तबीयत ठीक है तुम्हारी " अनिका ने देखा और फिर सब कुछ समझ मे आ गया, आज उसके सारे अंग उससे अपनी अपनी व्यथा सुना रहे थे और उसे सब कुछ समझ मे आ गया कि किसने क्या क्या बोला । वह धीरे से मुस्कराई और बोली कुछ नहीं मम्मी मुझे अबसे अपने कोरोना वारियर्स का ध्यान रखना पडेगा अगर इन्होंने हड़ताल कर दी तो क्या होगा अब से मै ज्यादा देर लेपटॉप और मोबाइल पर नही काम करुंगी और बाहर भी ज्यादा नहीं जाऊंगी बस स्कूल टाइम मे और भी बहुत सारी बातें ध्यान रखूंगी । माँ अब भी नही समझ पाई बस प्यार से चूम कर दूध लेने चली गयी । अनिका ने मां के जाते ही कमरा बंद किया और आयने के सामने खडे होकर अपनी आंखो कानो नाक और हाथों को प्यार से बहलाया और शीशे को सेल्यूट करके बोली " बाह मेरे कोरोना वारियर्स तुम्हारी भी ड्यूटी बढ गई है तुम्हारे बिना हमारी सुरक्षा कैसे हो सकती है आज से मै तुम्हारा पूरा ध्यान रखूंगी तुमने मेरे सपने मै आकर मेरी आंखे खोल दी है।
कोरोना.... समाज....... डाक्टर.... पुलिस..... सफाई कर्मी...... लाकडाउन....... हड़ताल.......????????
✍️ मंगलेश लता यादव
जिला पंचायत कंपाउंड
मुरादाबाद 244001
मोबाइल फोन नंबर 9412840699, 9045031789
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