गुरुवार, 7 मई 2020

मुरादाबाद मंडल के जनपद संभल निवासी साहित्यकार कमाल जैदी वफ़ा की कहानी------बिखरे सपने

     

     सोनू आज गांव भर में सुबह से ही चहकता फिर रहा था घूम घूमकर दोस्तोंं  को बता रहा था कि आज उसके चाचा आ रहे हैंं वह भी उनके साथ मुंबई जायेगा अब वह वहींं रहेगा । उसके चाचा बहुत बड़े आदमी हैंं। उनके पास गाड़ी बंगला सब कुछ है।
  12 साल का किशोर सोनू  नये नये सपने बुनता हुआ बाहर से गांव आने वाले रास्ते पर टकटकी लगाये हुए था कि कब उसके चाचा की कार गांव आयेगी ,उधर उसकी माँ सुबह से ही सोनू के मुंबई जाने को लेकर उदास थी । सोनू के पापा मंगन उसे तसल्ली दे रहे थे कि चंदन के साथ जाने से सोनू का भविष्य उज्ज्वल होगा फिर चंदन उसका सगा चाचा है ,कोई गैर थोड़े ही है और फिर चंदन मुंबई जाकर बहुत बड़ा आदमी बन गया है । बड़ी मुश्किल से उसने सोनू की माँ ममता को इस बात के लिये राजी किया था कि वह सोनू को चंदन के साथ भेज देगी         शाम के पांच बजे चमचमाती हुई एक कार गांव में घुसी तो सबमेंं शोर हो गया देखो पलटन का बेटा चंदन मुम्बई से गांव आया है । बीस बरस बाद वह गांव लौटा था। बड़ा आदमी बनकर उसके पीछे ही उसकी माँ सुखिया व बाप पलटन इस दुनिया से चल बसे थे। चंदन उनकी अर्थी को कान्धा देने तक नहींं आ पाया था।  बीस साल बाद गाँव  आये छोटे भाई चंदन से लिपटकर मंगन की आंखों से आंसुओंं का सैलाब उमड़ पड़ा । गांव वालों ने तसल्ली देकर उसे चंदन से अलग किया । थोड़ी देर में सब कुछ सामान्य होने पर चंदन गांव वालों के सामने अपनी तरक्की और शानो शौकत के किस्से बयान कर रहा था जिसे सुनकर मंगन और सोनू का सीना भी गर्व से चौड़ा हुआ जा रहा था ।
     गांव वालों के जाने के बाद चंदन ने भाई भाभी से सोनू को मोबाइल फोन पर हुई बातचीत के अनुसार साथ ले जाने पर चर्चा शुरू की ।उसने उन्हें यकीन दिलाया कि सोनू को पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाएगा ।चाचा की बातेंं सुनकर सोनू भी भविष्य के सपने बुनकर खुशी से फूला नहींं समा रहा था । रातभर वह सुबह के इंतजार में बिस्तर पर करवटें बदलता रहा । सुबह नाश्ते के बाद मुम्बई जाने के लिये चंदन के साथ सोनू जब कार में बैठा तो माँ बाबा के साथ गांव के संगी साथी भी उसे विदा करने आये । सबने उसे शुभकामनाएं दी तो उसने भी कार के शीशे से हाथ बाहर निकाल कर सबका अभिवादन किया ।कार फर्राटा भरती हुई मुम्बई की ओर चली जा रही थी और कार में बैठा हुआ सोनू सुनहरे सपनो में खोया हुआ था। दस घण्टे बाद कार ने मुम्बई में चंदन के बंगले में प्रवेश किया तो वहाँ की भव्यता देख खुशी व हैरत से सोनू की आंखे फटी की फटी रह गई  तभी एक अधनंगी टांगो वाली खूबसूरत महिला दो छोटे बच्चो के साथ सामने आई । चंदन ने हैलो डार्लिंग कहकर उसकी ओर देखा। सोनू समझ गया कि यह उसकी चाची हैंं । उसने नमस्ते कहते हुए पैर छूने के लिए उनकी ओर हाथ बढ़ाये, तो ठीक है .... ठीक है, कहते हुए वह महिला पीछे हट गई । रात होने वाली थी चंदन ने खाने के बाद सोनू को दरी और चादर देते हुए कहा कि तुम यहींं हमारे कमरे के बाहर बरामदे में सो जाना। सोनू चादर बिछाकर लेट गया और अंदर कमरे में चंदन पत्नी व  बच्चोंं को  लेकर चला गया। सोनू अब भी भविष्य के सपने बुन रहा था। नींद उसकी आँखों से कोसोंं दूर थी तभी उसे अंदर कमरे से खुसर पुसर की आवाज सुनाई दी। उसने उनकी ओर ध्यान लगाया। चाचा चाची आपस मेंं बात कर रहे थे। कौतूहल पूर्वक उसने उनकी बातों की ओर कान लगा दिये। चंदन की पत्नी उससे कह रही थी आखिर तुम अपने भतीजे को ले ही आये । अगले ही पल चंदन का जवाब सुनकर सोनू को जैसे जोर का करंट लगा ।चंदन पत्नी से कह रहा था - हाँ डार्लिग,  नौकर आजकल मिलते ही कहांं है और फिर अनजान होते हैंं ।हम अपने बच्चोंं को उनपर कैसे छोड़ सकते हैंं । सोनू तो मेरा भतीजा है फिर यह भागकर जायेगा भी कहांं .... कहकर दोनों ठहाका लगाने लगे और सोनू ने यहां आने के जो सपने बुने थे वह एक एक कर बिखरने लगे।

   ✍️कमाल जैदी" वफ़ा"
प्रधानाचार्य, अम्बेडकर हाई स्कूल बरखेड़ा मुरादाबाद
सिरसी(सम्भल)
मोबाइल फोन नंबर 9456031926

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत खूबसुरत कविता है दिल को छू जाने वाली है।

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    1. बहुत बहुत आभार ।अगर आपने अभी तक इस ब्लॉग को फॉलो नहीं किया है तो तुरंत इस ब्लॉग को फॉलो भी कीजिये । इसके लिए ब्लॉग के दाहिने ओर फॉलोवर्स में फोटोज के नीचे नीले रंग से लिखे फॉलो पर क्लिक कीजिए ,एक पेज खुलेगा इस पर नारंगी रंग से लिखे फॉलो पर क्लिक कर दीजिए ।

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