मै कार्यालय से घर लौट रहा था। रास्ते में सामान्य से अधिक भीड़ थी।बीच रास्ते में मुझे स्कूटर रोकना पड़ा,क्योंकि ट्रैफिक जाम था।गाड़ियों की लंबी कतार लगी हुई थी।पता चला - सेठ राम प्रसाद जी ,जो तीन बड़ी फैक्टरियों के मालिक है ,का आज सम्मान समारोह है।उन्होंने पिछले दिनों,जब देश के कुछ हिस्सों में बाढ़ ने तबाही मचाई हुए थी,प्रधान मंत्री राहत कोष में दस लाख रुपए का दान किया था।प्रदेश के कैबिनेट मंत्री,मुख्य मंत्री की और से उनका सम्मान करने शहर आए हुए है। मेरा ध्यान अचानक अपने सब्जी वाले श्यामू पर चला गया।श्यामू हमारी गली के मोड़ पर सब्जी का ठेला लगाता है।उसके परिवार में,चार बच्चों सहित आठ सदस्य है।पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी पर है।पूरे दिन मेहनत करके बड़ी मुश्किल से वो 300-400 रुपए कमा पाता है।पिछले दिनों जब बाढ़ का प्रकोप चल रहा था,वो मेरे पास कुछ रूपए लेकर आया था। - बाबूजी ये रुपए आप प्रधानमंत्री कोष में भिजवा दीजिए।
मैंने गिने,वो दस हजार रूपए थे। मैंने उसकी ओर विस्मय से देखा। इतने सारे रूपए ,इतने रुपए तुम्हारे पास कहां से आए है ,पिछले दिनों तो तुम लड़के की पढ़ाई के लिए बहुत परेशान थे ।
हां बाबूजी, ये उसकी पढ़ाई के लिए ही जोड़ रहा हू,लेकिन इस समय बाढ़ से कितने लोग बेघर हो गए है,उनकी मदद करना जरूरी है,पढ़ाई का बाद में देख लेंगे।
मेरे बहुत समझाने पर भी जब वो नहीं माना,मैंने उसके रुपए प्रधान मंत्री कोष में जमा करा दिए थे।
थोड़ी देर में ट्रैफिक खुल गया।मैंने रास्ते से फूलों का एक बुके खरीदा और स्कूटर श्यामू के घर की और मोड़ दिया।
✍️ डॉ पुनीत कुमार
T-2/505, आकाश रेसीडेंसी
मधुबनी पार्क के पीछे
कांठ रोड,मुरादाबाद-244001
मोबाइल फोन नंबर -9837189600
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें