संस्कार भारती महानगर मुरादाबाद के तत्वावधान में काव्य फुहार एवं कोरोनावायरस जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन आकांक्षा विद्यापीठ मिलन विहार में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार रघुराज सिंह "निश्चल" ने की। मुख्य अतिथि सम्भल से आये व्यंग्यकार अतुल शर्मा रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में योगेंद्र पाल विश्नोई और संस्कार भारती के प्रांतीय महामंत्री संजीव आकांक्षी रहे।
रश्मि प्रभाकर द्वारा प्रस्तुत माँ सरस्वती की वंदना से आरम्भ इस कार्यक्रम में अशोक विद्रोही ने सुनाया -
कोरोना ने विश्व में मचा दिया कोहराम
होता तेज बुखार और सर्दी खांसी जुकाम
सर्दी खांसी जुकाम चीन से आई बीमारी
मरे हजारों लोग हुई घोषित महामारी
कह विद्रोही बार-बार हाथों को धोना
सावधान लो पहन मास्क न होय कोरोना
डॉ मनोज रस्तोगी ने हास्य कविता पढ़ी -
आज विज्ञान का है पेपर
याद नहीं कोई चैप्टर
जैसे तैसे हनुमान चालीसा गाते हुए
हमने परीक्षा कक्ष में प्रवेश किया
मनोज मनु ने कहा -
फागुन तेरे आ जाने पे
ना जाने क्या बात हुई
खुशियों से दिल झूम उठा
जब रंगों की बारात हुई।
शुभम कश्यप ने कहा कि-
फिजा की जद में अपना गुलिस्ता है
हर एक इंसान यहां नोहा-खुऑं है कोरोना वायरस फैला है जबसे दिलों में भी अपने हैं डर का समां है।
शायर मुरादाबादी ने फरमाया-
उसको मैसेज भिजवाया है हिंदी में
मैंने खुद को समझाया है हिंदी में।
रश्मि प्रभाकर ने कहा कि-
दिल दुखाने की बात करते हो आके जाने की बात करते हो
दर्द देते हो बेशुमार और फिर मुस्कुराने की बात करते हो।
राशिद मुरादाबादी ने कहा कि-
ममता सेवा त्याग ही तो
इसकी पहचान होती है
नारी का सम्मान करो तुम
नारी तो महान होती है।
अनिरुद्ध उपाध्याय आजाद ने कहा कि-
क्या बीत रही होगी
उस मां के दिल पर
जिसका लाल नहीं लौटा
अबकी घर होली पर।
योगेंद्र वर्मा व्योम ने कहा कि-
क्या आपने क्या गैर सब खुशियां बांटे संग
आज मिटे हर शत्रुता कहते सारे रंग।
आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ ने कहा कि-
चढ़कर जो ना उतरे वह खुमार होली है
दुश्मन को जो बना दे यार वह त्यौहार होली है
हर जंग के रंग को जो फीका कर दे ।
वही आपसी प्यार होली है।।
मयंक शर्मा ने कहा कि -
रंगो के रंग में रंग जाए खेले मिलकर होली
मुंह से मीठा सा बोले भूलके कड़वी बोली।
ईशांत शर्मा ईशु ने कहा कि-
हाथ मिलाना संस्कृति नहीं थी हमारी
हाथ जोड़ने की संस्कृति पड़ रही है सब पर भारी।
संभल से पधारे अतुल कुमार शर्मा ने कहा कि-
मधुशालाएं मौत का सामान बांटने लगे
कुत्ते शराबियों का मुंह चाटने लगे।
रघुराज सिंह निश्चल ने कहा कि-
होली की शुभकामना करें सभी स्वीकार।
हाथ जोड़ करता नमन सब को बारंबार।
कपिल शर्मा ने कहा -
"न यह ऊँचाई सच्ची है, न यह आधार सच्चा है।
अगर सच्चा है दुनिया में, तो माँ का प्यार सच्चा है।"
के० पी० सिंह 'सरल' ने कहा -
"हँसी ठिठोली के बिना, होली लगे उदास।
खुलकर होना चाहिए, खूब हास परिहास।।"
राजीव 'प्रखर' ने कहा -
"राजा-बिन्दर-सोफ़िया, और मियाँ अबरार।
चलो मनाएं प्रेम से, होली का त्योहार।।
गुमसुम पड़े गुलाल से, कहने लगा अबीर।
चल गालों पर खींच दें, प्यार भरी तस्वीर।।
संजीव 'आकांक्षी' का कहना था -
"सारे शहर से अच्छी खासी यारी है।
उसे यह मुगालता बड़ा भारी है।
अब तो दोस्त दुश्मन में भी फर्क करना छोड़ दिया,
ज़हन ओ दिल में सियासत इस कदर जारी है।"
योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई ने कहा-
"प्यार की कल्पना ही करो मित्रवर,
प्यार की गंध मौसम में घुल जायेगी।"
इस अवसर पर उपस्थित सभी साहित्यकारों ने कोरोना वायरस के प्रति लोगों को जागरूक करने की शपथ लेते हुए सभी लोगों से कोरोना वायरस के बचाव के उपायों को अपनाने एवं सुरक्षा में सरकार की सहायता करने की अपील की।
कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार योगेंद्र पाल विश्नोई को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए संस्कार भारती के द्वारा संस्कार भारती कला साधक सम्मान से सम्मानित किया गया। युवा शायर शुभम कश्यप को उनके जन्मदिन की बधाई देते हुए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में हरीश वर्मा, डॉ सौरव भारद्वाज, अशोक कुमार यादव एडवोकेट, रवि चतुर्वेदी आदि उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन युवा गीतकार मयंक शर्मा ने किया ।
:::::::::: प्रस्तुति::::::::
** आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ/राजीव प्रखर
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
रश्मि प्रभाकर द्वारा प्रस्तुत माँ सरस्वती की वंदना से आरम्भ इस कार्यक्रम में अशोक विद्रोही ने सुनाया -
कोरोना ने विश्व में मचा दिया कोहराम
होता तेज बुखार और सर्दी खांसी जुकाम
सर्दी खांसी जुकाम चीन से आई बीमारी
मरे हजारों लोग हुई घोषित महामारी
कह विद्रोही बार-बार हाथों को धोना
सावधान लो पहन मास्क न होय कोरोना
डॉ मनोज रस्तोगी ने हास्य कविता पढ़ी -
आज विज्ञान का है पेपर
याद नहीं कोई चैप्टर
जैसे तैसे हनुमान चालीसा गाते हुए
हमने परीक्षा कक्ष में प्रवेश किया
मनोज मनु ने कहा -
फागुन तेरे आ जाने पे
ना जाने क्या बात हुई
खुशियों से दिल झूम उठा
जब रंगों की बारात हुई।
शुभम कश्यप ने कहा कि-
फिजा की जद में अपना गुलिस्ता है
हर एक इंसान यहां नोहा-खुऑं है कोरोना वायरस फैला है जबसे दिलों में भी अपने हैं डर का समां है।
शायर मुरादाबादी ने फरमाया-
उसको मैसेज भिजवाया है हिंदी में
मैंने खुद को समझाया है हिंदी में।
रश्मि प्रभाकर ने कहा कि-
दिल दुखाने की बात करते हो आके जाने की बात करते हो
दर्द देते हो बेशुमार और फिर मुस्कुराने की बात करते हो।
राशिद मुरादाबादी ने कहा कि-
ममता सेवा त्याग ही तो
इसकी पहचान होती है
नारी का सम्मान करो तुम
नारी तो महान होती है।
अनिरुद्ध उपाध्याय आजाद ने कहा कि-
क्या बीत रही होगी
उस मां के दिल पर
जिसका लाल नहीं लौटा
अबकी घर होली पर।
योगेंद्र वर्मा व्योम ने कहा कि-
क्या आपने क्या गैर सब खुशियां बांटे संग
आज मिटे हर शत्रुता कहते सारे रंग।
आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ ने कहा कि-
चढ़कर जो ना उतरे वह खुमार होली है
दुश्मन को जो बना दे यार वह त्यौहार होली है
हर जंग के रंग को जो फीका कर दे ।
वही आपसी प्यार होली है।।
मयंक शर्मा ने कहा कि -
रंगो के रंग में रंग जाए खेले मिलकर होली
मुंह से मीठा सा बोले भूलके कड़वी बोली।
ईशांत शर्मा ईशु ने कहा कि-
हाथ मिलाना संस्कृति नहीं थी हमारी
हाथ जोड़ने की संस्कृति पड़ रही है सब पर भारी।
संभल से पधारे अतुल कुमार शर्मा ने कहा कि-
मधुशालाएं मौत का सामान बांटने लगे
कुत्ते शराबियों का मुंह चाटने लगे।
रघुराज सिंह निश्चल ने कहा कि-
होली की शुभकामना करें सभी स्वीकार।
हाथ जोड़ करता नमन सब को बारंबार।
कपिल शर्मा ने कहा -
"न यह ऊँचाई सच्ची है, न यह आधार सच्चा है।
अगर सच्चा है दुनिया में, तो माँ का प्यार सच्चा है।"
के० पी० सिंह 'सरल' ने कहा -
"हँसी ठिठोली के बिना, होली लगे उदास।
खुलकर होना चाहिए, खूब हास परिहास।।"
राजीव 'प्रखर' ने कहा -
"राजा-बिन्दर-सोफ़िया, और मियाँ अबरार।
चलो मनाएं प्रेम से, होली का त्योहार।।
गुमसुम पड़े गुलाल से, कहने लगा अबीर।
चल गालों पर खींच दें, प्यार भरी तस्वीर।।
संजीव 'आकांक्षी' का कहना था -
"सारे शहर से अच्छी खासी यारी है।
उसे यह मुगालता बड़ा भारी है।
अब तो दोस्त दुश्मन में भी फर्क करना छोड़ दिया,
ज़हन ओ दिल में सियासत इस कदर जारी है।"
योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई ने कहा-
"प्यार की कल्पना ही करो मित्रवर,
प्यार की गंध मौसम में घुल जायेगी।"
इस अवसर पर उपस्थित सभी साहित्यकारों ने कोरोना वायरस के प्रति लोगों को जागरूक करने की शपथ लेते हुए सभी लोगों से कोरोना वायरस के बचाव के उपायों को अपनाने एवं सुरक्षा में सरकार की सहायता करने की अपील की।
कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार योगेंद्र पाल विश्नोई को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए संस्कार भारती के द्वारा संस्कार भारती कला साधक सम्मान से सम्मानित किया गया। युवा शायर शुभम कश्यप को उनके जन्मदिन की बधाई देते हुए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में हरीश वर्मा, डॉ सौरव भारद्वाज, अशोक कुमार यादव एडवोकेट, रवि चतुर्वेदी आदि उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन युवा गीतकार मयंक शर्मा ने किया ।
:::::::::: प्रस्तुति::::::::
** आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ/राजीव प्रखर
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
सुंदर और सार्थक आयोजन के लिए सभी को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंआयोजन के सभी फोटो उपलब्ध कराने के लिए साहित्यिक मुरादाबाद की ओर से आभार ।
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