शनिवार, 21 मार्च 2020

मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ ममता सिंह के कोरोना पर कुछ दोहे


अपने भी बचने लगे, आने से अब पास।
कोरोना से हो रहा, दूरी का आभास।।

कोरोना है ला रहा, यह कैसा बदलाव।
जीवन में आने लगा, देखो अब ठहराव।।

नित्य संक्रमण बढ़ रहा, कैसे हो पहचान।
कठिनाई में  डाल दी, कोरोना ने जान।।

घर बाहर है हर तरफ, कोरोना की बात।
अपनायें सब स्वच्छता, सम्भव तभी निजात।।

मिटा रहा है ज़िन्दगी, कोरोना का कोढ़।
मिल जुल कर ढूंढे सभी ,इसका कोई तोड़।।

डाॅ ममता सिंह
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत

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