भयभीत नहीं होना है
हिम्मत से इसे हराना है
बढ़ाकर प्रतिरोधक क्षमता
इससे टकराना है.
संयम और समझदारी से
इस विकट स्थिति से निपटना है
घर के भीतर रहकर
खुद को ही नहीं ,सब को बचाना है.
अनगिनत बार हम सबको
अपने हाथों को धोना है
नाक आंख और मुंह से
हाथों को नहीं लगाना है.
बुरा दौर है बुरा वक्त है
यह सभी ने माना है
गुजर जाएंगे यह लम्हे
मुश्किल में भी मुस्काना है.
रोने धोने से कुछ नहीं होता
हाथों को बस धोना है
संयम बरतो मानव जाति
कोरोना को हराना है.
***राशि सिंह
वेब ग्रीन, रामगंगा विहार
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें