मंगलवार, 24 मार्च 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार राजीव प्रखर की रचना --जब तक ढीली हो नहीं, कोरोना की पैठ। सबसे अच्छा है यही, जमकर घर में बैठ।।

जब तक ढीली हो नहीं, कोरोना की पैठ।
सबसे अच्छा है यही, जमकर घर में बैठ।।
जमकर घर में बैठ, दिखा मत अब नादानी।
दे उनको भी बोल, बने हैं जो अज्ञानी।।
कहें 'प्रखर' कविराय, कसो सब खुद को तब तक।
जाये जग से भाग, नहीं यह दानव जब तक।।

**राजीव 'प्रखर'
डिप्टी गंज
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत


1 टिप्पणी: