शुक्रवार, 27 मार्च 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार वीरेंद्र सिंह बृजवासी का गीत ---आसमानी आंधियां हों या जमीनी व्याधियां सूक्ष्म जीवी वायरस से हो रहीं बरबादियाँ एक होंगे सभी इसकी चेन टूटेगी तभी....

भूल  जाओ  बंधु  सारे
गिले शिकवों को अभी
रह नहीं सकते अकेले
हम  ज़माने  में  कभी।
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एकता  में ही  छुपा है
हम सभी का  हौसला
टूटकर बिखरे नअपने
प्यार  का यह घौंसला
सोचकर आगे  बढ़ोगे
मिलेगी  मंज़िल तभी।
भूल जाओ----------

दूर होगी  हर मुसीबत
जान  लोगे  एक  दिन
साथचलनेकीहकीकत
मान  लोगे  एक   दिन
साजिशें भी शर्तिया ही
हार     मानेंगी    जभी।
भूल जाओ-----------

आसमानी आंधियां हों
या  जमीनी   व्याधियां
सूक्ष्म जीवी वायरस से
हो     रहीं   बरबादियाँ
एक होंगे  सभी इसकी
चेन     टूटेगी      तभी
भूल जाओ-----------

जिंदगी  में  एकता  के
मंत्र   का  सम्मान   हो
एकता  पर  ही  हमारे
देश को अभिमान  हो
फूट आपस की बनेगी
क्रूरतम  अभिशाप भी।
भूल जाओ-----------

जाति धर्मों के मिटा दें
फासले  मिलकर  गले
घोर संकट की घड़ी में
मैल  अंतस  का   धुले
तभीतो कल्याण होगा
चैन     पाएंगे     सभी।
भूल जाओ-----------
        💐💐💐
         
            वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी
               मुरादाबाद/उ,प्र,
               9719275453
        

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