गुरुवार, 26 मार्च 2020

मुरादाबाद मंडल के जनपद रामपुर निवासी साहित्यकार रवि प्रकाश का गीत -घर के बाहर जो निकलेगा उसका बंटाधार शुरू हुआ सबसे लंबा इक्किस दिन का इतवार




छुट्टी  मिली  सभी  को ऐसी पहली-पहली बार
शुरू हुआ सबसे लंबा इक्किस दिन का इतवार
                          (1)
घर  के  भीतर ही रहना है बाहर कहीं न जाना
कोई नौकर - चाकर इन इक्कीस दिनों कब आना
खुद  करने के लिए काम सब हो जाओ तैयार
शुरू हुआ सबसे लंबा इक्किस दिन का इतवार
                           (2)
कर लो घर की साफ-सफाई सीखो दाल बनाना
रोटी  कैसे  बेली  जाती  कैसे  बनता  खाना
कैसे धोते और सुखाते कपड़े करो विचार
शुरू हुआ सबसे लंबा इक्किस दिन का इतवार
                          (3)
महिलाओं को कुछ ज्यादा आराम दिलाना अच्छा
घर के कामों में पतियों का हाथ बँटाना अच्छा
एक साथ रहने - जीने का दें प्रभु को आभार
शुरू हुआ सबसे लंबा इक्किस दिन का इतवार
                            (4)
इस छुट्टी में नहीं किसी को पिकनिक कहीं मनाना
इस छुट्टी में नहीं किसी को होटल जाकर खाना
इस छुट्टी में बंद सिनेमा हॉल मॉल बाजार
शुरू हुआ सबसे लंबा इक्किस दिन का इतवार
                         (5)
सोचो दुनिया ने कब ऐसी बीमारी थी झेली
सारे यमदूतों पर भारी यह ही एक अकेली
घर के बाहर जो निकलेगा उसका बंटाधार
शुरू हुआ सबसे लंबा इक्किस दिन का इतवार
                            (6)
आमदनी सब बंद हो गई कैसे हँसे हँसाए
रुकी कमाई सब की आखिर बिना काम पर जाए
बटुए में सबके हैं पैसे गिनती के बस चार
शुरू हुआ सबसे लंबा इक्किस दिन का इतवार
                         (7)
जीवन का सौंदर्य परिश्रम - छुट्टी का शुभ नाता
छह दिन करके काम सातवाँ दिन छुट्टी का भाता
 घर में बैठा लगातार कहलाता है बेकार
 शुरू हुआ सबसे लंबा इक्किस दिन का इतवार
                           (8)
रखो तीन फुट तन की दूरी कोरोना मजबूरी
मन से मन की भेंट मौहल्ले की करना पर पूरी
दुखी पड़ोसी है तो समझो खुद को जिम्मेदार
शुरू हुआ सबसे लंबा इक्किस दिन का इतवार
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 *** रवि प्रकाश
 बाजार सर्राफा
 रामपुर
उत्तर प्रदेश ,  भारत
मोबाइल 999 7615 451

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही उत्कृष्ट रचनाएं हैं आदरणीय।
    आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
    डॉ स्मृति आनंद
    रीवा (म..प्र.)

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