------------------ 1 -----------------------
छोटे शहरों के मजे , महानगर बेकार
अमरीका में मच रहा , देखो हाहाकार
देखो हाहाकार , गली अब पतली भाती
कोरोना की छींट , चीन से यहाँ न आती
कहते रवि कविराय , मास्क के पड़ते टोटे
बड़े - बड़े भयभीत , बड़ों के दर्शन छोटे
------------------- 2 ------------------------
शुरू नमस्ते कर रहे , लंदन वाले लोग
कोरोना का वायरस , दुनिया भर में रोग
दुनिया भर में रोग , प्रिंस ने चलन चलाया
खींचा अपना हाथ , याद फिर भारत आया
कहते रवि कविराय , सभी हैं अब इस रस्ते
हाथ मिलाना छोड़ , विश्व में शुरू नमस्ते
--------------------3-----––--------- ------
भारी बीमारी हुई , कोरोना हर ओर
जैसे सेंध लगा रहा , दुनिया भर में चोर
दुनिया भर में चोर , कहाँ रुकने में आई
आते - जाते लोग , हाथ छूना दुखदाई
कहते रवि कविराय ,जिंदगी इससे हारी
हल्के मत लें आप , महामारी यह भारी
–------------------4-------------------------
आए कवि - सम्मेलनी, बोरिंग कवि भरपूर
बैठे थे सब पास में , लेकिन छह फिट दूर
लेकिन छह फिट दूर , सभी श्रोता उकताए
हूटिंग से पर नहीं ,अडिग कवि जी हट पाए
कहते रवि कविराय , छींक कुछ श्रोता लाए
भागे कवि रण छोड़ , मंच पर नजर न आए
आयोजक कहने लगे , जाओ अब बैरंग
जाओ अब बैरंग , हास्य कवि हँसकर बोले
नहीं टलेंगे बिना , आपका बटुआ खोले
कहते रवि कविराय , देय देकर फिर सोना
आयोजक मायूस , हाय निर्दय कोरोना
---------------------- 6 ----------------------
झाड़ा - फूँकी चल रही , कुछ गंडे ताबीज
बाबाजी बतला रहे , कोरोना क्या चीज
कोरोना क्या चीज ,फूँक से इसे उड़ाएँ
बाबा जी के पास , आप आ इसे झड़ाएँ
कहते रवि कविराय , देह यदि खाए जाड़ा
डॉक्टर की लें राय , भूलकर करें न झाड़ा
** रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नंबर 999 7615451
छोटे शहरों के मजे , महानगर बेकार
अमरीका में मच रहा , देखो हाहाकार
देखो हाहाकार , गली अब पतली भाती
कोरोना की छींट , चीन से यहाँ न आती
कहते रवि कविराय , मास्क के पड़ते टोटे
बड़े - बड़े भयभीत , बड़ों के दर्शन छोटे
------------------- 2 ------------------------
शुरू नमस्ते कर रहे , लंदन वाले लोग
कोरोना का वायरस , दुनिया भर में रोग
दुनिया भर में रोग , प्रिंस ने चलन चलाया
खींचा अपना हाथ , याद फिर भारत आया
कहते रवि कविराय , सभी हैं अब इस रस्ते
हाथ मिलाना छोड़ , विश्व में शुरू नमस्ते
--------------------3-----––--------- ------
भारी बीमारी हुई , कोरोना हर ओर
जैसे सेंध लगा रहा , दुनिया भर में चोर
दुनिया भर में चोर , कहाँ रुकने में आई
आते - जाते लोग , हाथ छूना दुखदाई
कहते रवि कविराय ,जिंदगी इससे हारी
हल्के मत लें आप , महामारी यह भारी
–------------------4-------------------------
आए कवि - सम्मेलनी, बोरिंग कवि भरपूर
बैठे थे सब पास में , लेकिन छह फिट दूर
लेकिन छह फिट दूर , सभी श्रोता उकताए
हूटिंग से पर नहीं ,अडिग कवि जी हट पाए
कहते रवि कविराय , छींक कुछ श्रोता लाए
भागे कवि रण छोड़ , मंच पर नजर न आए
--------------------5 -------------------------कोरोना ने कर दिया , कवि सम्मेलन भंग
आयोजक कहने लगे , जाओ अब बैरंग
जाओ अब बैरंग , हास्य कवि हँसकर बोले
नहीं टलेंगे बिना , आपका बटुआ खोले
कहते रवि कविराय , देय देकर फिर सोना
आयोजक मायूस , हाय निर्दय कोरोना
---------------------- 6 ----------------------
झाड़ा - फूँकी चल रही , कुछ गंडे ताबीज
बाबाजी बतला रहे , कोरोना क्या चीज
कोरोना क्या चीज ,फूँक से इसे उड़ाएँ
बाबा जी के पास , आप आ इसे झड़ाएँ
कहते रवि कविराय , देह यदि खाए जाड़ा
डॉक्टर की लें राय , भूलकर करें न झाड़ा
** रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नंबर 999 7615451
धन्यवाद आदरणीय डॉक्टर मनोज रस्तोगी जी
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार
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