गुरुवार, 19 मार्च 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ राकेश चक्र की गजल -- खाते नमक देश का हम ,मत इससे गद्दारी कर

कुछ तो तू खुद्दारी कर
सदा देश से यारी कर।।

खाते नमक देश का हम
मत  इससे गद्दारी कर।।

देश रहेगा ,हम भी होंगे
मिलकर पहरेदारी  कर।।

इधर-उधर की फेंक न तू
कुछ तो राम सवारी कर।।

अन्तः को भी झाँक लिया कर
इसकी रोज बुहारी कर।।

"चक्र " चक्र में घूम रहा है
सबमें प्यार शुमारी कर।।


**डॉ राकेश चक्र
90 बी, शिवपुरी
मुरादाबाद 244001
उ.प्र ., भारत
9456201857
Rakeshchakra00@gmail.com

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