रोको नरसंहार कोरोना
_________________
कैसी प्रलय मचाई कोरोना,
है अतीव दुखदाई कोरोना,
खोज-खोज कर मार रही है-
है अति क्रूर कसाई कोरोना।
कोरोना वैश्विक महामारी,
इसके आगे दुनिया हारी,
बड़े यत्न से जड़ें काट दीं -
फिर भी इसका उगना जारी।
नहीं ज्ञात है कारण इसका,
कैसे करें निवारण इसका,
संकट में सरकार पड़ी है-
क्योंकर रुके प्रसारण इसका।
हो रहे तुम पर शोध कोरोना,
छोड़ दो अपना क्रोध कोरोना,
बाल- वृद्ध को दे दो माफी-
है तुमसे अनुरोध कोरोना।
मान ली हमने हार कोरोना,
तड़प रहा परिवार कोरोना,
इसे न भूखा मार कोरोना-
रोक दे नरसंहार कोरोना।
विनती बारम्बार कोरोना,
करता है संसार कोरोना,
अपनी दारुण गाथा का अब-
कर दे उपसंहार कोरोना।
*** डॉ.विश्व अवतार जैमिनी
शिक्षाविद् एवं साहित्यकार
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें