रविवार, 29 मार्च 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ विश्व अवतार जैमिनी का गीत --कैसी प्रलय मचाई कोरोना, है अतीव दुखदाई कोरोना, खोज-खोज कर मार रही है- है अति क्रूर कसाई कोरोना।....



रोको नरसंहार कोरोना
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कैसी प्रलय मचाई कोरोना,
है अतीव दुखदाई कोरोना,
खोज-खोज कर मार रही है-
है अति क्रूर कसाई कोरोना।
   कोरोना वैश्विक महामारी,
   इसके आगे दुनिया हारी,
   बड़े यत्न से जड़ें काट दीं -
   फिर भी इसका उगना जारी।
नहीं ज्ञात है कारण इसका,
कैसे करें निवारण इसका,
संकट में सरकार पड़ी है-
क्योंकर रुके प्रसारण इसका।
     हो रहे तुम पर शोध कोरोना,
     छोड़ दो अपना क्रोध कोरोना,
     बाल- वृद्ध को दे दो माफी-
     है तुमसे अनुरोध कोरोना।
मान ली हमने हार कोरोना,
तड़प रहा‌ परिवार कोरोना,
इसे न भूखा मार कोरोना-
रोक दे नरसंहार कोरोना।
      विनती बारम्बार कोरोना,
      करता है संसार कोरोना,
      अपनी दारुण गाथा का अब-
      कर दे उपसंहार कोरोना।


*** डॉ.विश्व अवतार जैमिनी
शिक्षाविद् एवं साहित्यकार
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत

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