हो जाएगी इक दिन देखो कोरोना की हार
गले मिलेगा इक दूजे से पूरा ये संसार
आज बनाता हम सबका ही आने वाला कल है
मानव को मिलता उसकी ही हर करनी का फल है
मांसाहार छोड़कर खाना है बस शाकाहार
हो जाएगी इक दिन देखो कोरोना की हार
बार बार अपने हाथों को रगड़ रगड़ कर धोना
जिम्मेदारी खूब निभाना लापरवाह मत होना
ऐसे ही इस महा असुर का करना है संहार
हो जाएगी इक दिन देखो कोरोना की हार
जनता कर्फ्यू का पालन हम सबको ही करना है
आगामी दुष्परिणामों से चेतन मन रहना है
बन्द घरों में रहने को अब होना है तैयार
हो जाएगी इक दिन देखो कोरोना की हार
सोच समझ कर देखभाल कर बस निर्णय लेना है
फैल रही इन अफवाहों पर कान नहीं देना है
कोरोना के हर प्रहार पर करो पलट कर वार
हो जाएगी इक दिन देखो कोरोना की हार
*************** गजल******************
मुफ्त में मिल गया है कोरोना
जान लेवा बना है कोरोना
विश्व का युद्ध अब छिड़ा कैसा
वार बम से बड़ा है कोरोना
जान ले लीं हज़ारों की इसने
दर्द ही दे रहा है कोरोना
ध्यान चेतावनी पे दो लोगो
छूने से फैलता है कोरोना
चलती साँसों का है बड़ा दुश्मन
लगता यमराज सा है कोरोना
'अर्चना' हो सभी अलग जाओ
अब इसी पर टिका है कोरोना
************कुंडली ************
घर की सीमा से नहीं, अपने कदम निकाल
कोरोना बन जाएगा, वरना तेरा काल
वरना तेरा काल,फैलता ये जायेगा
फिर इस पर कंट्रोल, न कोई कर पायेगा
लड़ें 'अर्चना' वीर, हमारे ज्यूँ सीमा पर
करना है वो काम, हमारी सीमा है घर
**डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
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