मंगलवार, 24 मार्च 2020

मुरादाबाद मंडल के जनपद अमरोहा निवासी साहित्यकार मुजाहिद चौधरी की गजल -- गर प्यार है खुद से तो ज़रा दूर रहो सबसे । वो मौत बुलाने में तकल्लुफ भी नहीं करता






दस्तक नहीं देता वो इशारा भी नहीं करता ।
शातिर है बड़ा आने की खबर भी नहीं करता ।।

आ जाता है खामोशी से वो मेरे बदन में ।
फिर छोड़के जाने का इरादा भी नहीं करता ।।

हो जाए खबर कोई तो तूफान मचे है ।
फिर अपनों से मिलना वो गवारा भी नहीं करता ।।

गर प्यार है खुद से तो ज़रा दूर रहो सबसे ।
वो मौत बुलाने में तकल्लुफ भी नहीं करता ।।

तनहाई में रहकर करो महफ़ूज़ जहां को ।
मज़हबो मिल्लत की वो परवाह भी नहीं करता ।।

अपना हंसी चेहरा ना छुओ हाथों से अपने ।
नाज़ुक हो या मासूम मुरव्वत भी नहीं करता ।।

ना हाथ मिलाओ ना लो बांहों में किसी को ।
वो प्यार मोहब्बत की क़दर भी नहीं करता ।।

मैं घर में हूं मुझे ‌घर में ही रहना है मुजाहिद ।
तन्हा मुझे रहना यूं परेशां भी नहीं करता ।।

**मुजाहिद चौधरी एडवोकेट
हसनपुर
जनपद अमरोहा
उत्तर प्रदेश, भारत

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