बच्चे तो बच्चे होते हैं
भोले-भाले दिल के सच्चे
धमा-चौकडी खूब मचाते
जब हँसते हैं लगते अच्छे
खेल-खिलौने, छीना-झपटी
हो बेकार ,कार है रपटी ।
इसका हँसना,उसका रोना
रोज़ चिढ़ाये कहकर नकटी
गुड़िया बहुत अभी है छोटी
नहीं चिड़ाओ कहकर मोटी
बंद सभी को घर में रहना !
बंद करो अब नल की टोटी।।
✍ जितेन्द्र कमल आनंद
रामपुर उ प्र, भारत
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मेरे घर का छोटा उपवन
अब हँसता है मुस्काता है.
उसको खुशियाँ नई मिलीं है
यह बात मुझे बतलाता है.
पहली बार साथियों मैंने
जी भर के उद्योग किया.
लॉक डाउन की अवधि में
समय का सदुपयोग किया.
हरे भरे पेड़ पौधों को नित
देख हृदय हर्षाता है.
उसको...........
थोड़े दिन की देखभाल में
मैने कितना कुछ पाया है.
फल फूलों के गहनों ने
बृक्षों को खूब सजाया है.
ताजे फल सब्जियों से अब
घर मेरा भर जाता है.
उसको........
✍ डॉ प्रीति हुंकार
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
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शोर मचाता गोलू आया
मेरे गुब्बारे भरवा दो
मेरी छोटी सी पिचकारी
ठीक नहीं है लंबी ला दो
सारे बच्चे उधम मचाते
रंग लगाते घूम रहे हैं
चीनू मीनू गुब्बारे ले
मुझे मारने झूम रहे हैं
और देरअब नहीं रुकुंगा
मुझसे भी इनको रंगवा दो
रंग बिरंगी इस होली में
सब ने मुझे गुलाल लगाया
लाल हरा नीला और पीला
रंग लगाना मुझको भाया
आओ मिलकर गुझिया खाएं
पापड़ मठरी खूब उड़ाएं
होली की छुट्टी है भाई
मिलकर सारे मौज मनाएं
होली का हुड़दंग बजेगा
होली गाईं जाएंगी
रंगो के ही संग संग
सब नाराजी घुल जाएगी
✍️ अशोक विद्रोही
412 प्रकाश नगर
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नंबर 8218825541
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आओ बच्चों तुम्हे सिखाएं खेल खेलने घर बैठे।
खेल सकेंगे इसको मिकलकर चाहे दो हों चाहे छः।।
पेपर लाओ एक बड़ा तुम चाहे टुकड़ा चार्ट का।
चल जाएगा कोई टुकड़ा भी एक मोटे गत्ते का।
मनपसंद रंग में तुम रंग लो और बनालो खाने सौ।
फिर कुछ करलो चित्र इकट्ठे अपनी पुरानी पुस्तक से।
हाथी घोड़ा शेर भेड़िया साँप और बिछु जो हो।
कुछ जादूगर परी फलों की और टोकरी भी लेलो।
चिपका लो तुम उन चित्रों गए जो हम रहे बता।
कुछ पंक्ति भी लिखकर तुम इन खानों में लो चिपका।
पाँच नम्बर पर बैठा मेंढक, 10 पर कूद लगाएगा।
बैठा सात पर छोटा बिच्छू 2 पर वापस लाएगा
अगर बारह पर पहुंच गए तो सेब तुम्हे मिल जाएगा।
ख़ाकर सेब मिलेगी ताकत दुगुनी कदम (24)बढ़ाएगा।
सत्रह पर पाओगे घोड़ा जो जाए पच्चीस पर दौड़ा।
बाइस पर मिले जादूगर खड़ा एक चल दे और बढ़ा।
मिले तीस पर काला नाग, कहे जाओ बीस पर भाग।
पैंतीस पर मिल जाये चुड़ैल, दो चांस देगी बैठाय।
चालीस पर भेड़िया गुर्राये, बत्तीस पर दे तुम्हे भगाय।
पैंतालीस से पहुंचो साठ फलों की टोकरी गर मिल जाये।
पैंसठ पर मिल जाये परी, समझो चालें चार बढ़ी।
सत्तर पर खूंखार बाघ, चार घर पीछे को भागे।
हाथी दादा अस्सी पर पहुंचेंगे दस घर आगे।
सत्तानवे पर शेर खड़ा, सीधे सत्तासी पर दे गिरा।
पिचानवे पर जो मिल जाये कार,
समझो हो गए सौ के पार।
✍️ नृपेंद्र शर्मा "सागर"
ठाकुरद्वारा मुरादाबाद
9045548008
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सुन्दर स्वप्न सजाओ बच्चो,
छुट्टी में इस बार।
पुस्तक बन कर तुम्हें पुकारें,
प्रेरक गाथाएं।
आने वाले कल की बनकर,
उजली आशाएं।
आगे तुम पर भी आना है,
कर्तव्यों का भार।
सुन्दर स्वप्न सजाओ बच्चो,
छुट्टी में इस बार।
कष्टों में भी डिगे नहीं जो,
कितने ही चेहरे।
कदम बढ़ाते गये राह पर,
कभी नहीं ठहरे।
अपनी प्रतिभा को ऐसे ही,
देते रहना धार।
सुन्दर स्वप्न सजाओ बच्चो,
छुट्टी में इस बार।
नवयुग के प्रतिनिधि बनकर तुम,
बढ़ते जाओगे।
राष्ट्र-प्रतिष्ठा में कितने ही,
चन्द्र लगाओगे।
ऐसा प्यारा कल लाने को,
हो जाओ तैयार।
सुन्दर स्वप्न सजाओ बच्चो,
छुट्टी में इस बार।
🙏 राजीव 'प्रखर'
डिप्टी गंज
मुरादाबाद 244001
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छोटू पापा से ये बोला, कब तक घर में बंद रहूँगा
बैठे बैठे ऊब गया हूँ, कब जाकर के मैं खेलूंगा।
पापा ने उसको समझाया, बाहर जाने में खतरा है।
बाहर कोरोना का संकट, जाने कहाँ कहाँ पसरा है।
कुछ दिन घर में बंद रहेंगे, इसकी कड़ी टूट जाएगी।
बाहर आने जाने पर से, पाबंदी भी हट जाएगी।
तो क्या मैं घर के अंदर ही, निपट अकेला पड़ा रहूँगा।
बैट बॉल, से दूर बताओ, घर में कब तक सड़ा रहूँगा।
घर में कहाँ अकेले हो तुम, मैं भी तो हूँ, मम्मी भी हैं।
घर में रहकर खेल खेलने, के कितने ही साधन भी हैं।।
कुछ दिन हमको दोस्त समझ लो, लूडो, बिजनैस, कैरम खेलो।
जब चाहे साथी बच्चों से, तुरत वीडियो चैटिंग कर लो।।
मान गया छोटू फिर बोला, अच्छा घर में ही खेलूँगा।
रोज हराऊँगा दोनों को, घर में तो मैं ही जीतूँगा।
✍️ श्रीकृष्ण शुक्ल
MMIG-69,
रामगंगा विहार, मुरादाबाद।
मोबाइल नं.9456641400
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रंग बिरंगे लेकर गुब्बारे
जब फेरीवाला आता है
मन में उठे धमाचौकड़ी
जी भरकर ललचाता है |
कभी नीला तो कभी पीला
कभी गाेलू प्यारा बडा सजीला
रंग बिरंगी तितली जैसे
उड़ उड़ जाये रंग रंगीला |
ऊंचा ऊंचा उडने काे ज्याें
हाेड़ लगाये ये मिल सारे
कसकर यदि नही पकडे़
तो दूर गगन में भागे प्यारे |
नीला नीला मेरा प्यारे
बाकी बचे सारे तुम्हारे
इसकाे लेकर इठलाऊँगा
फिर जी भर मौज मनाऊंगा |
लेकर अपना गुब्बारा मै
मित्र मंडली जाऊँगा,
सबसे मस्तक ऊँचा करके
अपनी जय बुलवाऊँगा |
✍🏻सीमा रानी
अमराेहा
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कविता के माध्यम से *'हिन्दी व्याकरण'* के *'कारक एवं चिह्नों'* की जानकारी-
गोलू बोला सर जी हमको एक बात बतलाओ,
होते क्या हैं 'कारक' जल्दी से हमको समझाओ।
सर जी बोले गोलू बेटा *'कारक'* होते आठ,
हिन्दी में ये बहु उपयोगी बात बाँधलो गांठ।
पहले *कर्ता* है बतलाता हमको *ने* का चिह्न,
दूजा *कर्म* बताता खुद *को* नहीं किसी से भिन्न।
तीजा *करण* है कहता *से, के द्वारा* आओ जाओ,
चौथा *सम्प्रदान* वर्णन *के लिए* लिखा ही पाओ।
पञ्चम *अपादान* कहता *से अलग*-थलग हो जाना,
छठवां है *सम्बन्ध* सभी तुम *का, की, के* बन जाना।
सप्तम *में, पे, पर'* कहता है यहाँ *अधिकरण* कारक,
अष्टम अन्तिम *सम्बोधन* कहता *हे, अरे* विकारक।।
✍️ अभिषेक रुहेला
फत्तेहपुर विश्नोई, मुरादाबाद
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कब तक बंद रहेंगे घर में बोली नन्ही मुनिया
मन करता है देखूँ पापा बाहर की अब दुनिया।
बोले पापा बढ़े प्यार से सुन प्यारी सी मुनिया
आयेगा वो दिन जल्दी ही जब घूमेगी तू दुनिया ।
बाहर बैठा ऐसा दुश्मन डरी है सारी दुनिया
छूने भर से लग जाता है सुन ओ मेरी मुनिया ।
नहीं समझ में आता घर में बैठी है सारी दुनिया
बंद किया बच्चों को खुद घूम रहा सारी दुनिया।
कोई नही इलाज अभी तक खोजे सारी दुनिया
क्या समझाउँ तूझको बेटा छोटी है तू मुनिया।
अच्छा पापा समझ गई कितनी बेबस है ये दुनिया
ढूंढ दवा देगी एक दिन सब को नन्ही सी मुनिया।
✍️ मंगलेश लता यादव
जिला पंचायत कम्पाउंड
कोर्ट रोड मुरादाबाद
9412840699
9045031789
सराहनीय आयोजन के लिये सभी को बधाई।
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