मंगलवार, 21 अप्रैल 2020

संस्कार भारती मुरादाबाद की ओर से रविवार 19 अप्रैल 2020 को ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस आयोजन की अध्यक्षता अशोक विद्रोही ने की । मुख्य अतिथि मनोज मनु तथा विशिष्ट अतिथि बाबा संजीव आकांक्षी थे। इस आयोजन में 21 साहित्यकारों सर्वश्री अभिषेक रुहेला , शुभम कश्यप, अरविंद कुमार शर्मा आनन्द, अमित कुमार सिंह, आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ , ईशांत शर्मा, मीनाक्षी ठाकुर , रश्मि प्रभाकर, डॉ मीना कौल, मोनिका मासूम, हेमा तिवारी भट्ट, डॉ रीता सिंह, डॉ अर्चना गुप्ता, राजीव प्रखर, डॉ मनोज रस्तोगी, योगेंद्र वर्मा व्योम, अशोक विश्नोई ,श्री कृष्ण शुक्ल, बाबा संजीव आकांची, मनोज मनु और अशोक विद्रोही ने अपनी रचना प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन ईशांत शर्मा ने किया।


इक आस  दबी  है  सीने  में,
कल वो दिन भी  आ जायेगा।
वसुधा पर जो यह  रोग लगा,
निश्चित ही वह  टल  जायेगा।

थोड़ा-सा तुम  भी  सब्र  करो,
थोड़ा-सा  हम   सन्तोष  करें।
समझा  दें  सबको  नमता  से,
कोई भी व्यक्ति  न  रोष  भरे।
तम  ने जो  डेरा  डाल  लिया,
दीपक   ही   उसे   बुझायेगा।
वसुधा पर जो यह  रोग  लगा,
निश्चित ही  वह  टल  जायेगा।

था भटक गया  मानव  पथ से,
लेकिन अब तो यह भान हुआ।
क़ुदरत को हानि  न  देना  तुम,
जिससे  वह  चिन्तावान  हुआ।
अब भवनवास  ही  जीवन  में,
नित   नया   सवेरा    लायेगा।
वसुधा पर जो  यह  रोग  लगा,
निश्चित ही  वह  टल  जायेगा।।

✍️ अभिषेक रुहेला'
ग्रा०पो०- फत्तेहपुर विश्नोई,
मुरादाबाद (उ०प्र०)-244504
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ऐसा लगता है अंतकाल आया
एक कयामत लिए ये साल आया

आदमी आदमी से डरता है
खौफ का ऐसा अंतराल आया

खून इंसानियत का होता है
आसमा से ये क्या बबाल आया

लुट गया कारावाने सब्र-ओ-करार
उनको फिर भी न कुछ मलाल आया

उसने रख्खा शुभम भरम अपना
उसके जैसा न ज़ुल-जलाल आया

 ✍️ शुुभम कश्यप
बाग गुलाब राय
बाजार मुफ़्ती
मुरादाबाद 244001
मोबाइल नम्बर -6396191319
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देश ये फिर से यारों सँवर जाएगा।
जल्द ही ये करोना भी मर जाएगा।।

रौशनी हर क़दम फिर से होगी यहाँ।
तीरगी से वतन जब उभर जाएगा।।

मारना है अगर मार नफ़रत को तू।
मारकर बेगुनह को किधर जाएगा।।

नासमझ बनके जो जाल फैला रहा।
खुद उसी जाल में फँस के मर जाएगा।।

जंग ग़ुरबत से भी आज है देखलो।
हौसला रख ये पल भी गुजर जाएगा।।

बात शासन की मानों मिरे दोस्तों।
गर न मानें मरज़ ये निगर जाएगा।।

है मुझे ये शपथ आज के हाल पर।
अब न 'आनंद' कोई भी दर जाएगा।।

✍️ अरविंद कुमार शर्मा "आनंद"
मुरादाबाद
 उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नंबर - 8979216691
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मैंने अब जीना सीख लिया है,
रोते-रोते हंसना सीख लिया है।
डसती आंखे,चुभती बातें,
मन की तड़पन, तन की ज्वाला,
इन सबको सहना सीख लिया है।
रोते-रोते हंसना सीख लिया है,
हर गम को पीना सीख लिया है,
मैंने अब जीना सीख लिया है।।

चुभती आंखों में कुछ अच्छा ढूंढ लिया है,
खुद की आँखों से खुद को पढ़ना सीख लिया है,
मैंने अब जीना सीख लिया है।
रोते-रोते हंसना सीख लिया है,
मैंने अब जीना सीख लिया है।
रास्ते के पत्थरों को भी पूजना सीख लिया है,
हर परेशानी से जूझना सीख लिया है,
मैंने अब जीना सीख लिया है।।।

   
✍🏻अमित कुमार सिंह
 7 सी/61, बुद्धि विहार
मुरादाबाद 244001
मोबाइल फोन नंबर 9412523624
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कोरोना से क्या रोना
जो होना है सो होना
रहो तुम घर के अंदर
रखो तुम साफ-सफाई
घर से जब बाहर जाओ
तो मास्क लगना भाई
लौट के घर मे आकर
हाथो की करो धुलाई
कुछ दिन सह लो परेशान
कि फिर दिन आये सुखदाई
कि घर में रहने में ही
हैं हम सबकी भलाई
कोरोना से क्यों रोना
जो होना है सो होना ।।

✍️ आवरण अग्रवाल "श्रेष्ठ"
मुरादाबाद 244001
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देश को अपना असली चेहरा दिखा गये,
आस्तीनों के सांप सड़कों पर आ गये,
मुरादाबाद के पत्थर दुनिया भर में छा गये,

रहम नहीं था दिल मे डॉक्टर की
जान लेने पर आ गये,
जब पुलिस ने दौड़ाया तब घबरा गये,
मौका लगते ही फूल बरसाने आ गए

मुरादाबाद के पत्थर दुनिया भर में छा गये,

भरी प्लेटें बिरयानी की शौक से खा गये,
नाम पूरे भारत में बदनाम करा गये,
पीतल के शहर पर कालिख़ पुतवा गये,

मुरादाबाद के पत्थर दुनिया भर में छा गये

✍️ ईशांत शर्मा "ईशु"
        मुरादाबाद
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अमीरो की बीमारी ने छीन लिया
निवाला गरीबों का..
बुझ गये चूल्हे रामधन और
मुनिया के।
सोच रहे हैं.....
झोंपड़ी के तिनको को शायद सैनिटाइज़
करने की ज़रूरत तो नहीं ...।
देहातियों को हिकारत से देखने वाले
बड़े लोग...
रखे जा रहे हैं एकांतवास में..
समाज से पृथक,
क्योंकि... वो ऊँचे लोग हैं।
उन्हें प्रारम्भ से ही अकेला पन भाता
आया है। अब लौट रहे है...वतन को
विदेश से...,क्या वतन की याद आयी है..
या कुछ और है....?
वातानुकूलित कमरों में रहने वाले
अचानक ही चाहने लगे..
 तपती जेठ की दुपहरियां
गँवार लोग सहमे हैं....पूछते हैं वैद्य जी से,"ई अमीरों का खाँसी जुकाम भी कुछ
अलग होत  है का?"
खेतों में हल चलाता बुधिया पूछता है..
"ई ढोर डंगर से दूर कैसन रहत बा...?
निःशब्द समाज..!!!
नाइट क्लबों में देर रात तक जागते
युगल ...अब कहाँ है?सम्भवतः अनुशा
सन में रहेंगे कुछ देर के लिये,
जब तक महामृत्यु का तांडव चलेगा...!!
काँपती धरती...विदीर्ण होते शरीर
आज शायद प्रकृति  अपने आवरण से हटा रही है...दूषित तन और मन..सम्भवतः चाहती है करना
 स्वयं को सैनिटाइज़....!!!!

✍️ मीनाक्षी ठाकुर
मिलन विहार
मुरादाबाद 244001
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मचा हर ओर हाहाकार, मेरे प्रभु राम आ जाओ,
बड़ी मुश्किल में है संसार, मेरे घनश्याम आ जाओ।।

ये कैसी आपदा आयी, थमा पहिया समय का है,
हुए बेबस सभी प्राणी, और आभास भय का है,
हैं संकट में सभी घर द्वार, मेरे प्रभु राम आ जाओ।।

हुए हैं त्रस्त विपदा से,तुम्हें सबने पुकारा है,
निकालो मुश्किलों से अब, तुम्हारा ही सहारा है,
लो अब फिर से कोई अवतार, मेरे प्रभु राम आ जाओ।।

परिस्थितियां हुईं विकराल, संयम टूट ना जाये,
प्रभू आशाओं का दामन कहीं अब छूट ना जाये,
तुम्हीं हो आसरा सरकार, मेरे प्रभू राम आ जाओ।।

✍️ रश्मि प्रभाकर
सेक्टर10, बुद्धि विहार
मुरादाबाद
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तेरे कारण
तेरे कारण
कोरोना तेरे कारण
कितने दिन हो गए
काम पे नहीं गए
भूल गए सारे सपनों को
नजरबंद हो गए
तेरे कारण
कोई कितना भी लुभाए
निकलूँगी न मैं घर से
घर में ही बैठूँगी
कमरे बदल बदल के
दरवाजे पर गई
झांक के मैं आ गई
आग लगे इस वायरस को
दूर अपने हो गए
तेरे कारण
झाडू मैं जोर जोर से
सब घर के कोने कोने
फिर याद आया
बरतन भी हैं धोने
झट रसोईघर गई
काम सब कर गई
कूकर में चावल
मिक्सी में चटनी
फिर खाली हो गई
तेरे कारण
तेरे कारण
कोरोना तेरे कारण

✍️ डॉ मीना कौल
मुरादाबाद 244001
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उँगलियों पर जिंदगी हमको नचाना छोङ दे
बेरहम जीने सुकूं से दे सताना छोङ दे

वक्त इतना तो मयस्सर कर संभल जाएँ  ज़रा
हर घङी कर मोङ पर ठोकर लगाना छोङ दे

या सजा ख्वाबों को दे या नींद से हमको जगा
आब का देके भरम सहरा पिलाना छोङ दे

बेबहर बिखरे हुए तकदीर के अशआर हैं
गा सूरीला गीत या फिर गुनगुनाना छोङ दे

छोङ दे ग़म खिङकियों से घर में घुसने की अदा
ऐ खुशी तू चौखटों को छू के जाना छोङ दे

कर अता नज़रें करम 'मासूम' फूलों पर ज़रा
शाख पे खारों की नाज़ुक गुल खिलाना छोङ दे

✍️ मोनिका"मासूम"
मुरादाबाद 244001
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कोरोना ने देख लो,क्या कर दीन्हा हाल।
हुस्न छिपा है मास्क में,बन्दा छोंके दाल।।
बन्दा छोंके दाल,सीन बदला है भाई।
नार करे अपलोड,मियां की साफ सफाई
घर में गूँजे गान,'सनम जी' 'बाबू' 'शोना'
रार हुई घर बंद,कि जब आया कोरोना।।
 
कुछ दोहे-------

*संकट की आये घड़ी,हो ना वक्त मुफीद*
*माँ बेटी के रूप में,नारी तब उम्मीद।।१।।*

*कब करना है क्या सही,समय तराजू तोल।*
*होशियार होता नहीं,जोखिम ले जो मोल।।२।।*

*जब आहट हो मौत की,रही द्वार खटकाय।*
*भेदभाव हर भूल के,बढ़ें सभी  समुदाय।।३।।*

*समय कसौटी कस रहा,विपदा रूप धराय।*
*नर,दानव या देवता,मन का मुकुर दिखाय।।४।।*

 *समय कभी टिकता नहीं,हर पल बने अतीत।*
*अधरों पर रखना सखे,बस हिम्मत के गीत।।५।।*
 
✍️ हेमा तिवारी भट्ट
मुरादाबाद 244001
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कैसा यह कोरोना आया
सारे जग में ही है छाया
ठप्प कर रोजगार सभी के
जन जन घर में कैद कराया ।

दिखे विकसित देश भी हारे
हुए मजबूर सब बेचारे
एक एक कर इसने देखो
सारे जग में पैर पसारे ।

मशीनी अब विज्ञान हिला है
नहीं अभी उपचार मिला है
चीन तुम्हारे नव प्रयोग ने
दुनिया को दे दिया सिला है ।

भारतवासी तुम घर रहना
राजन का है बस यह कहना
साथ यदि है सबने दिया तो
देश धरा का होगा गहना ।

✍️ डॉ. रीता सिंह
आशियाना , मुरादाबाद ।
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*सोच रही हूँ मोदी रक्खूँ , उस पुस्तक का नाम*
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मैं सोच रही हूँ क्या रक्खूँ  , उस पुस्तक का नाम
कोरोना है जिसमें रावण , मोदी जी हैं राम

राम की तरह मर्यादा का वो पालन करते हैं
पलटवार करते दुश्मन पर कभी नहीं डरते हैं
मोदी जी को भी है जनता प्राणों से भी प्यारी
धर्मनीति मानवता से करते जो हर तैयारी
शीश झुकाकर इस योगी को, करते सभी प्रणाम
मैं सोच रही हूँ क्या रक्खूँ , उस पुस्तक का नाम

कोरोना ने किया आक्रमण बुरा वक्त है आया
मोदी जी ने तभी देश में लोकडाउन करवाया
करते रहते हैं जनता से, अक्सर बातें मन की
रहती फिक्र हमेशा उनको भारत के जन जन की
नहीं रात दिन कभी देखते, करते रहते काम
मैं सोच रही हूँ क्या रक्खूँ, उस पुस्तक का नाम

कोरोना का वध होगा देश मुक्त हो जाएगा
दीपमालिका करके फिर भारत जश्न मनाएगा
गले मिलेंगे ईद मनाएंगे खुशियों से मिलजुल कर
होली के रंगों से खेलेंगे हम आपस मे खुलकर
मोदी जी के यत्नो के आएंगे शुभ परिणाम
*सोच रही हूँ मोदी रक्खूँ , उस पुस्तक का नाम*

✍️ डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद
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साफ़-सफ़ाई-चौकसी, अनुशासित व्यवहार।
कोरोना से युद्ध में, यही प्रमुख हथियार।।


जब तक ढीली हो नहीं, कोरोना की पैठ।
सबसे अच्छा है यही, जमकर घर में बैठ।।

कोरोना से जंग में, एक बड़ी दरकार।
मास्क पहन कर ही करें, घर की हद को पार।।


प्राणों पर भी खेल कर, आयी सबके काम।
वर्दी तेरे शौर्य को, बारम्बार प्रणाम।।

✍️  राजीव 'प्रखर'
मुरादाबाद
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,घर से बाहर  न  निकलिए  साहिब ।
चेहरे पर मास्क लगा मिलिए साहिब ।।

अपना घर परिवार ही है जन्नत । 
कैदखाना इसे न समझिये साहिब ।।

यह न मौका है इल्जाम लगाने का ।
कुछ दिन तो मुंह को  सिलिए साहिब ।।

कुछ गलती तेरी थी कुछ थी मेरी।
भुलाकर इसे अब चलिए साहिब।।

एक दूसरे से बनाकर रखें फासला ।
 दिल में अपने दूरी न रखिए साहिब ।।

जलाएं मोहब्बत के दिये हर तरफ ।
नफरत का जहर न भरिए साहिब ।।

हम एक थे, एक हैं, एक ही रहेंगे ।
मिलकर कोरोना से लड़िये साहिब ।।

✍️ डॉ मनोज रस्तोगी
8,जीलाल स्ट्रीट
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नंबर 9456687822
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मन का हर उल्लास मौन है, बड़ी विवशता है
अधरों पर मृदुहास मौन है, बड़ी विवशता है
क्या कहता है रोज़नामचा, कब तक रुकना है
आती-जाती सांस मौन है, बड़ी विवशता है

✍️ योगेन्द्र वर्मा 'व्योम'
मुरादाबाद 244001
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मास्क मुँह पर लगाइये साहिब,
भीड़ से बचकर रहिये साहिब
लापरवाही इतनी भी अच्छी नहीं,
बात अब मान भी जाइये साहिब ।

दोहा
कोरोना दिखला रहा, सबको ऐसा रंग ।
बदल गये हैं देखलो, सबके अपने ढंग ।

✍️ अशोक विश्नोई
 मुरादाबाद
मोबाइल,9411809222
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चतुष्पदी

कुछ दिन तो घर की रोटी और दाल खाइए।
महफूज आप घर में हैं बाहर न जाइए।।
छुप छुप के वार करता है दुश्मन अजीब है।
छुप कर के घर में आप भी खुद को बचाइए।।

गृहणियों की गुहार


मोदीजी गृहणियों को भी राहत दिलाइए।
पुरुषों के लिये भी तो ये फरमान लाइए।।
पाबंदियां जब तक हैं ये पतियों को बोल दो।
कुछ रोज काम घर का भी कर के दिखाइए।

पति पत्नी संवाद


पाबंदियो में प्रिये मत गुस्सा दिखाइए।
कैसे मनाएं आपको खुद ही बताइए।
बाजार मॉल मल्टीप्लेक्स बंद पड़े हैं।
मजबूरियों को समझिए अब मान जाइए।
सुनकर के मेरी बात फिर बीबी ने ये कहा।
कुछ जिम्मेदारी आप भी घर की उठाइए।
पाबंदियां बाहर लगी हैं घर में तो नहीं।
पकवान जो भी खाना हो, खुद ही बनाइए।।

  ✍️ श्रीकृष्ण शुक्ल
MMIG 69, रामगंगा विहार
मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश
मोबाइल : 9456641400
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तेज़ाब मुंह में भरके,
करें कुल्ला दूसरों पे।
कोरोना से कुछ ऐसे,
"जमाती" पड़े हैं झुलसे।।

✍️ बाबा संजीव आकांक्षी
 मुरादाबाद 244001
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क्यों फिरे है तू जहालत पर यूं इतराया हुआ,
कर हिफ़ाज़त जिस्म की ये नूर से पाया हुआ,,

वक्त नाज़ुक है बड़ा घर से निकल मत बावले,
इस कोरोना का क़हर है हर तरफ छाया हुआ,,
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सोचो फिर क्या होगा भाई?
अगर जान पे खुद बन आई?

फिर इसका उपचार नहीं है,
बचें  रहे बस  यही  भलाई ,,

कोरोना  से  दम  घुटता है ,
इससे  मौत  बड़ी  दुखदाई,,

एक तरीका  इसे  मात  का,
बस  बचाव  में रखो सफाई,

बहुत ज़रूरी अगर निकलना,
फॉलो  रूल  करो सब  भाई,,

जात पात ये नहीं  देखता,
थोड़ी भी मत करो ढिलाई ,,

घर के लोग भी साथ न होंगे,
हालत   गर  संदिग्ध   बताई ,,

घर से बाहर मत ही निकलो,
जिससे  खानी  पड़े  पिटाई,,

✍️  मनोज 'मनु'
मुरादाबाद 244001
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सूनी सूनी सड़के हो गईं निर्जन हैं चौराहे
कोरोना  के रूप में यम ने खुद फैलाईं बाहें
पूरी दुनिया में तांडव कोरोना ने मचाया है
गये हजारों कालगाल मे  ये कैसा युग आया है
नहीं दिखाई देता फिर भी  हरदिन बढ़ता जाए
कोरोना के रुप में यम ने खुद फैलाईं बाहें
जो घमंड में ऐंठ रहे थे  गलतफहमियां दूर हुईं
विकसित देशों तक   सारी शक्ति चकनाचूर हुई
बड़े बड़ों के कोरोना से होश ठिकाने आये
 कोरोना के रूप में यम ने खुद फैलाई बाहें
 सत्य सनातन संस्कार ही  लौट लौट फिर आते हैं
फिर फिर धोओ हाथ स्वच्छता का ही पाठ पढ़ाते हैं
 दूर-दूर से करें नमस्ते कैसे हाथ मिलायें
कोरोना के रूप में यम ने खुद फैलाई बाहें
लॉक डाउन का पालन करके ही जीवन बच सकता है
कड़ी तोड़ दो कोरोना की वायरस फिर मर सकता है
जानी दुश्मन बना चीन जो कोरोना फैलाये
 कोरोना के रूप में यम ने खुद फैलाई बाहें
 सूनी सूनी सड़कें हो गई सूने हैं चौराहे
कोरोना के रूप में यम ने खुद फैलाई बाहें   

 ✍️ अशोक विद्रोही
412 ,प्रकाश नगर
मुरादाबाद 8288 2541
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      :::::::::::::::प्रस्तुति::::::::::::::
   
                डॉ मनोज रस्तोगी
                8,जीलाल स्ट्रीट
                मुरादाबाद 244001
                 उत्तर प्रदेश, भारत
      मोबाइल फोन नंबर 9456687822

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