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सोमवार, 13 अप्रैल 2020
मुरादाबाद के साहित्यकार स्मृति शेष डॉ शिवनाथ अरोरा के दो गीत--- ये लिए गए हैं लगभग 56 साल पूर्व सन 1964 में हिंदी साहित्य निकेतन द्वारा प्रकाशित साझा काव्य संग्रह 'तीर और तरंग 'से। मुरादाबाद जनपद के 39 कवियों के इस काव्य संग्रह का संपादन किया था गिरिराज शरण अग्रवाल और नवल किशोर गुप्ता ने । भूमिका लिखी थी डॉ गोविंद त्रिगुणायत ने ।
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प्रिय भाई मनोज,तुम्हें तो मालूम ही है कि डॉ शिव नाथ अरोड़ा हमारे कालेज,एन एम एस एन दास कालेज,बदायूँ में अँगरेज़ी विभाग के अध्यक्ष थे।उनका एक गीत संग्रह बहुत समय पहले प्रकाशित हुआ था --'गीत नहीं ये' शीर्षक से।जो बात मुझे याद है,वह यह कि प्रारम्भिक अंश में,अँगरेज़ी में निराला ने उन्हें -- ".... budding poet ..." कहा था,जो उभरते हुए किसी भी कवि के लिए उस समय बड़ी बात थी,भी प्रकाशित था पुस्तक का हिस्सा हो कर।
जवाब देंहटाएंकई स्मृतियाँ उभर आयीं बन्धुवर।
उनकी स्मृतियों व शब्दों को नमन।
तुम्हें शुभकामनाएँ निरन्तर ऐसे ही अच्छे कार्य करते रहने के लिए।
श्री सुभाष वशिष्ठ जी द्वारा की गई प्रतिक्रिया