मंगलवार, 21 अप्रैल 2020

मुरादाबाद मंडल के जनपद बिजनौर निवासी साहित्यकार डॉ अशोक रस्तोगी की रचना -- लॉक डाउन


हल    कोरोना   का   समझ   नहीं   आता ,
मानव   पर   हावी  आतंक   का  साया  है !
एक निराशा, एक थकन, एक बेबसी सी है ,
हर  आदमी  बेचैनी  की जद  में  आया   है !!

शासन  का  आदेश  है  दूरी  बनाकर   रहो ,
फिर   क्यों  सीसा   पत्थर  से  टकराया  है ?
विषाणु  कितना  हठी  है  जानते   हैं   सब ,
फिर  क्यों  लॉक डाउन नहीं  अपनाया   है ??

हवन , प्राणायाम  को भूल  गया  था   वह ,
आज  फिर  उसी  शरण में आ समाया  है !
करबद्ध  नमस्ते  पर  हंसता  था  हर  बार ,
आज  फिर मजबूरी  में वहीं लौट आया है !!

 ✍️ डॉ अशोक रस्तोगी
अफजलगढ. बिजनौर
उत्तर प्रदेश, भारत

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