शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

मुरादाबाद मंडल के जनपद संभल निवासी साहित्यकार त्यागी अशोक कृष्णम की कविता ----- जमुना मौसी ने मारा है भारत माता के माथे पर पत्थर


देवराज इंद्र ने अकस्मात प्रकट हुए नारद जी से पूछा,
हे संसार दूत!आजकल पृथ्वी लोक पर यह क्या हो रहा है?
सुना है किसी कोरोना नामक  राक्षस के समक्ष,हर कोई जोर-जोर से रो रहा है।
नारद जी ने कहा-आपने जितना सुना,उससे भी अधिक हो रहा है,
यमराज का कार्यक्रम डबल शिफ्ट में,थोक के भाव चल रहा है।
विश्व की कई महाशक्तियों को एक साथ पछाड़कर,उनकी छातियों पर अपनी विनाश लीला का झंडा गाड़ कर,
युद्ध के चौथे महीने में भारत में आ बैठा है,पांव पसार कर।
यह सभी छोटे-बड़े मॅझले शहरों में मारधाड़ मचा रहा है।
खून के आंसू रो रहा है,हर कोई करहा रहा है,
परंतु यहां कोरोना मोदी ब्रांड लॉक डाउन में फंसकर,कुछ-कुछ हताश,चिड़चिड़ा,उखड़ा-उखड़ा नजर आ रहा है।
यह लॉकडाऊन क्या होता है?देवर्षि,जरा खुल कर बताओ,
इसकी मारक क्षमता कितनी है?कार्यशैली के बारे में सुनाओ।
बड़े मजेदार आइटम का नाम लॉकडाऊन है,
इसके आगे बड़े-बड़े तीरंदाजाें का मोरल डाऊन है।
देखा जाए तो चारों ओर साफ-सफाई है,सुख शांति,
प्रत्येक ग्रहणी कर रही है नृत्य,गृह स्वामियों के मन में है भीषण क्रांति।
छुआ-छाई,छेड़छाड़ के कारोबार में आजकल भारी मंदी है,
चारदीवारी के अंदर हर छिछोरा बंद है,छिछोरी बंदी है।
घर के अंदर भी,सोशल डिस्टेंसिंग का पालन पूरी ईमानदारी से हो रहा है,
हर दंपत्ति बच्चों की कड़ी निगरानी में,योग-वियोग कर रहा है
खाने से लेकर दवाई तक,सब कुछ सरकारी है
घर में रहें आप सब,सरकार  आपकी आभारी है।
पुलिस-प्रशासन का अद्भुत आचरण,आजकल मन मस्तिष्क को हिला रहा है,
घर से निकलते ही जमकर लतियाता है,बाद में खाना प्रेम पूर्वक खिला रहा है।
और सुनो!इस भीषण युद्ध में यदि किसी समाज का सर्वाधिक योगदान है,
तो वह संभ्रांत उच्च स्तरीय शराबी मनुष्य प्रजाति का है,
जो घुट-घुट कर जी रहा है,घुल-घुल कर मर रहा है,
लॉक डाउन का पालन करते हुए,मिलावटी शराब तीन-गुने पैसों में माफिया से लेकर पी रहा है।
मानव की इस प्रजाति पर है संकट भारी,इससे किसी को कोई मतलब नहीं, किसी को क्या पड़ी है?
यह पूरी की पूरी नस्ल,विलुप्त होने के कगार पर खड़ी है।
भारी उपेक्षा का शिकार होकर भी चींख नहीं रहा है,नहीं रहा है  चिल्ला,
किसी पर थूक रहा है नहीं पेशाब कर रहा है खुल्लम खुल्ला।
और ना ही मार रहा है किसी पर पत्थर,
मेरे मुंह में हैं 32 दांत,
जो बोलता हूं सच होता है,लो आ गया ऊपर से पत्थर।
अरे भाई किसने मारा पत्थर? किसको मारा यह पत्थर?
क्या कोरोना हो गया रक्त रंजित?
किसी देशभक्त ने क्या कोरोना को मारा पत्थर?
अरे नहीं देवराज!यह तो
देश की विधि पर आया है पत्थर,विधान पर पत्थर,
अस्तित्व पर पत्थर,संविधान पर पत्थर,
प्रभुता पर पत्थर,आया है संप्रभुता पर पत्थर,
यह तो जमुना मौसी ने मारा है,भारत माता के माथे पर पत्थर।

   ✍️  त्यागी अशोका कृष्णम्
 कुरकावली, संभल
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नंबर  9719059703

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