शनिवार, 24 जुलाई 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार (वर्तमान में दिल्ली निवासी)आमोद कुमार का गीत ---बीत जायेगी पीड़ा रजनी, सुखद सवेरा फिर आयेगा


मत रो साथी मृदु हास से अधरों का श्रंगार करो तुम,

बीत जायेगी पीड़ा रजनी,सुखद सवेरा फिर आयेगा।


बिन विछोह के सफ़र अधूरा,

रह जाता है प्यार के पथ मे,

एक सुख और एक दुःख है,

दो पहिए जीवन के रथ मे,

नयन तुम्हारे दुख आयेंगे,अश्रु को मुस्कान बना लो,

थकन मिटेगी सूने पथ की,मिलन बसेरा फिर आयेगा।


ये सच है कि बीते दिनो की,

याद पग पग पर आ जाती,

न जीवन ही जी पाते हम,

न कभी मृत्यु आ पाती,

पर जो पथ अपनाया उसके, फूल भी अपने शूल भी अपने,

पतझर स्वयं चला जायेगा,बसंत सुनहरा फिर आयेगा।


आँसुओं को आँचल दे दो,

हर दुखी को चूम लो तुम,

नेह की ज्योत जगाकर,

नेह मे ही झूम लो तुम,

मत निराश हो मीत मेरे,सागर की लहरों से खेलो,

पतवार चलाते ही जाना तुम,पास किनारा फिर आयेगा।

 ✍️ आमोद कुमार अग्रवाल, सी -520, सरस्वती विहार, पीतमपुरा, दिल्ली -34, मोबाइल फोन नंबर  9868210248

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