शनिवार, 31 जुलाई 2021

मुरादाबाद मंडल के जनपद रामपुर निवासी साहित्यकार रामकिशोर वर्मा के मुंशी प्रेमचंद जयंती पर दोहे-----



उर्दू को लेकर चले, हिंदी मन को भाय ।

दीन-दुखी का दर्द लिख, मुंशी सब पर छाय ।। 1 ।।


कहानी-उपन्यास में, प्रेमचंद का नाम ।

उनके लेखन को सदा, शत-शत करूँ प्रणाम ।। 2 ।।


"गोदान" ज़रा देखिए, "गुल्ली डंडा" खेल ।

"नमक-दरोगा" क्या लिखा, "ईदगाह" बे-मेल ।। 3 ।।


"पूस-रात" की बात हो, कहें "गबन" का दर्द । 

 या "दो बैलों की कथा", मुंशीजी हमदर्द ।। 4 ।।


साहित्यिक इतिहास में, लेखन है बेजोड़ ।

प्रेमचंद मुंशी हुए, नहिँ है जिनका तोड़ ।। 5 ।।

✍️ राम किशोर वर्मा, रामपुर (उ०प्र०), भारत


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