कलयुगी धनुंरधर ने
बाण छोड़ा परन्तु
निशाना चूक गया
तभी, उसने
एक महात्मा को देखा
तो पूछा
भगवन इसका रहस्य
बताइये,
निशाना क्यों चूका
समझाइये,
महात्मा ने प्रश्न किया
बच्चा
तुम्हारा गुरु कौन है ?
लक्ष्य क्या है ?
मैं तभी कुछ कह सकूंगा
तुम्हारे सन्देह को
दूर कर सकूँगा
वह बोला
आज के युग में गुरु
की आवश्यकता नहीं
लक्ष्य क्या होता है
इसका मुझे पता नहीं
महात्मा मुस्कराये
बोले,ऐसे ही अभ्यास
करते रहो,मेरे बच्चे
देश के तुम आधार हो ,
अंधे युग के सच्चे कर्णधार हो।
✍️ अशोक विश्नोई, मुरादाबाद
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