अचानक सारा वातावरण कौओ की काँव-काँव से गूँज उठा l वारिश के दिन है कहीं कोई साँप वगैरह न निकल आया हो यही सोचकर सभी घरों से लोग बाहर निकल आये क्योंकि अक्सर साँप को देखकर ही पंछी ज्यादा चिल्लाते हैं l
यह क्या एक कौवा नीचे पडा हुआ था और उसके पास देवेंद्र जी का पालतु कुत्ता जैसे ही वह कुत्ता इसको उठाने की कोशिश करता सभी कौवे काँव -काँव कर उसके पीछे पड़ जाते वह भागता तो उसके ऊपर उड़कर रोकने का प्रयास करते l
अन्त में कुत्ता थक गया और बैठकर लम्बी जीभ निकाल कर हाँफ़ने लगा l
कौवे अभी भी चिल्ला रहे थे l
आदमी सोचने लगे शायद यह सब कौवे एक ही जाति के हैं तभी तो इतनी एकता है कि अपने जैसे ही कौवे को बचाने के लिये इतनी एकता के साथ कुत्ते से लड़ रहे हैं l
एक और अच्छाई कि इन के पास मोबाईल नहीं है नहीं तो बचाने की बजाय वीडीओ बनाने में लग जाते हमारी तरह l
✍️ राशि सिंह , मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत
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