सोमवार, 6 अप्रैल 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ मक्खन मुरादाबादी की कविता --- नौ मिनट में ...


एक - एक
दीया क्या जला ,
बहुतों को
बहुत ही खला ।
माथे पर
पड़ बल गये,
आह्वान के
क्षण से ही
होने लगी थी
जलन
जला तो ,
सिर से
पांव तक जल गये ।
कोई उनसे
कुछ पूछता है तो
उसी को झिड़क देते हैं,
कहते हैं,
हम आपसे
बात नहीं करेंगे
आप बातों - बातों में
हमारे जले पर
नमक छिड़क देते हैं ।
हमारे पास
करने को
छोड़ा ही क्या है
न हिन्दू छोड़ा,न मुसलमान ,
न तीन सौ सत्तर का
सदाबहार भवन आलीशान ।
न नमस्ते छोड़ी है
न ही छोड़ी राम-राम है ,
तुम्ही बताओ
हमारे पास
जलने के अलावा अब
बचा हुआ
कौन सा काम है ।
हमारी
हर उम्मीद पर
पानी फेर कर रख दिया
हमारी हर कोशिश
दीये जलवाकर
नौ मिनट में धू-धू करवा दी ,
बची - बचाई
बस जमात थी
उसकी भी थू-थू करवा दी ।

*** डॉ मक्खन मुरादाबादी
झ-28, नवीन नगर, कांठ रोड
मुरादाबाद- 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नंबर 9319086769

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें