रविवार, 21 जून 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार स्मृतिशेष डॉ शिवनाथ अरोरा की सरस्वती वंदना ----यह रचना उन्होंने अपने छात्र जीवन के दौरान उस समय लिखी थी जब वह एम ए फाइनल के छात्र थे । उनकी यह रचना 64 साल पहले केजीके स्नातकोत्तर महाविद्यालय मुरादाबाद की वार्षिक पत्रिका के अंक 6 ( 1955- 56) में प्रकाशित हुई थी।





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