बुधवार, 10 जून 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार अशोक विश्नोई की लघुकथा ------- दरकती नींव

        कक्षा में रोज़ पवन को मुर्गा बना दिया जाता था।बिना किसी बात के बैन्च पर खड़ा कर दिया जाता था । कई माह तक यह क्रम चलता रहा ।
       आखिर तंग आकर पवन ने माँ से कहा , '' माँ ! मुझे पचास रुपये दोगी ।''
         '' हाँ ! हाँ ! ! मगर करेगा क्या ?''
        '' तुम दो तो सही ।''
अगले दिन पवन कक्षा में सबसे आगे बैठा था और मुर्गा भी नहीं बना ।
   
                        ✍️ अशोक विश्नोई
                          मुरादाबाद
             मोबाइल -9411809222

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