शुक्रवार, 5 जून 2020

वाट्सएप समूह साहित्यिक मुरादाबाद में प्रत्येक मंगलवार को बाल साहित्य गोष्ठी का आयोजन किया जाता है। मंगलवार 2 जून 2020 को आयोजित गोष्ठी में शामिल साहित्यकार प्रीति चौधरी, कमाल जैदी वफ़ा,डॉ प्रीति हुंकार, नृपेंद्र शर्मा सागर, वीरेंद्र सिंह बृजवासी, अशोक विद्रोही, रवि प्रकाश, हेमा तिवारी भट्ट, स्वदेश सिंह, रामकिशोर वर्मा, राशि सिंह, डॉ पुनीत कुमार, जितेंद्र कमल आनंद, डॉ श्वेता पूठिया, श्री कृष्ण शुक्ल, शिव अवतार रस्तोगी सरस , मनोरमा शर्मा , नवल किशोर शर्मा नवल, डॉ अर्चना गुप्ता, राजीव प्रखर और कंचन खन्ना की कविताएं

   
बचपन को अपने आग़ोश में लेकर
क्यूँ न आज ख़ुद को बारिश में भिगो लूँ
दौड़ पड़ूँ बादलों संग किसी दिशा में
क्यूँ न बँधी साँसों को आज़ाद कर लूँ

हवा के झोंके छेड़े मुझे फिर से
क्यूँ न बात इनसे दोचार कर लूँ
काम के दलदल से निकलकर
क्यूँ न काग़ज़ की नाव बना लूँ

सोंधि ख़ुश्बू मिट्टी की बुलाए मुझे
क्यूँ न कच्चे उस आंगन में खेलूँ
काली घटा को देख कहा दिल ने
क्यूँ न भूल जग  मोरनी बन नाच लूँ

कड़के बिजली जब गगन में
क्यूँ न ख़ुद को माँ के आँचल में छुपा लूँ
बारिश को देख कहा फिर दिल ने
क्यूँ न आज अपने बचपन को बुला लूँ
                             
✍️  प्रीति चौधरी
 गजरौला,अमरोहा
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 चिंटू मिंटू थे दो भाई,         
कभी नही करते थे लड़ाई।।                                                                               
घण्टी की आवाज जो आई,
सबने बस तक दौड़ लगाई।         

बस में चढ़े जब बारी आई,
सीट पर बैठा मोटू भाई।
                                                                    करने लगा वो उनसे लड़ाई,
बिना बात के चपत लगाई।

चिंटू बोला मिंटू भाई,                                          माँ ने थी कुछ बात बताई

अपनी रक्षा आप करेंगे,
नही लड़ेंगे, नही डरेंगे।

मोटू की फिर शामत आई,
मिंटू ने जो मार लगाई।
                                                                    सुना मेम ने तो चिल्लाई,
यही करी क्या आज पढ़ाई।

बंद करो यह मार कुटाई,
आपस मे सब भाई भाई।

✍️  कमाल ज़ैदी "वफ़ा"
सिरसी (सम्भल)
मोबाइल फोन नम्बर 9456031926
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नमन तुम्हे व्यक्तित्व महान
जगत करे उनका गुणगान ।
विपदा में  भी मोदी चाचा
तुमने धाक जमाई है ।
भूल गए सब दुख कोअपने
बात सभी मनवाई है।
दिग्गज सारे करें नमस्ते
नतमस्तक है सभी जहान।

नमन तुम्हें,,,,,,,
घोर विपत्ति में भूख प्यास में
कोई नही घबराया है ।
सबमें नव उत्साह जगाकर
लॉक डाउन करवाया है।
तुम ही हो आदर्श हमारे
तुम हो हम बच्चों की शान ।
नमन तुम्हें,,,,,,

✍️  डॉ प्रीति हुँकार
मुरादाबाद 244001
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गुमसुम बैठा था खरगोश,
भरा हुआ था मन में रोष।

वो कछुए से हार गया,
अति उत्साह मार गया।

आलस ने सब काम बिगाड़ा,
जीत ने उससे किया किनारा।

जो हरदम मेहनत करते हैं,
जीवन में आगे बढ़ते हैं।

किसी को भी ना छोटा मानो,
मूल सफलता का पहचानों।

लगन और श्रम में विश्वास,
विजय सदा हो उनके साथ।।

✍️ नृपेन्द्र शर्मा "सागर"
ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद
9045548008
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अम्मा  कब   स्कूल    खुलेंगे
इतना तो  हमको   बतला दो
कान   पड़कर  कोरोना   को
अपनी ताकतभी दिखला दो।
     
मोबाइल  मत   देखो   बच्चों
असर पड़ेगा  इन आंखों  पर
लेकिन ऑनलाइन शिक्षा का
असर न होगा क्याआँखों पर?
चश्मा  नहीं  लगाना   हमको
अद्यापक को भी  बतला  दो।
अम्मा कब-----------------

अंतर्मन खुश  होता  सबका
साथ -साथ  ही  बतियाने में
कितना जी लगताहै सबका
मिल  करके  शिक्षा पाने  में
करके  पूजा  तुम  ईश्वर को
हाल  हमारा भी  बतला  दो।
अम्मा कब----------------

इकिया-दुकियाआंख मिचौनी
खेलें   किलकिल   कांटी  हम
कोड़ा   छुपा   लगाएं  चक्कर
रोकें    उठती     खांसी    हम
खेल-खेल  में पढ़ना - लिखना
अम्मा हमको भी  सिखला दो।
अम्मा कब------------------

घर  में   पड़े-पड़े  हम  यूं  ही
कब तक अपना वजन बढ़ाएं
और   पार्क   में  दौड़  लगाने
कब तक  अपना मन तरसाऐं
बाधाओं   से   मुक्ति   दिलाने
अम्मा कुछ तो चक्र  चला दो।
अम्मा कब------------------

अरे कोरोना  अंकल  तुम भी
इतना नहीं  समझते  पाते हो
हमें  समझकर  बच्चा  हमसे
आकर  स्वयं  उलझ जाते हो
हिम्मत   है तो  माँ   के  आगे
हमको  छूकर भी दिखला दो।
अम्मा कब------------------
     
           
              ✍️  वीरेंद्र सिंह ब्रजवासी
                   मुरादाबाद/उ,प्र,
                   9719275453
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हम झोंके तूफान के
        बच्चे हिंदुस्तान के
कदम कदम बढ़ाएंगे,
         आगे बढ़ते जायेंगे
हिन्दु मुस्लिमों में, दिल
            के फ़ासले मिटायेंगे
उठ रहा तूफान है
            देश  ये  महान है
हर किसी के दिल में
     सिर्फ प्यारा हिंदुस्तान है
हम कसम उठायेंगे
       और वचन    निभाएंगे
इसकी खातिर हो जरूरी
          जान तक लुटायेंगे
तुम को है जगा रहा
          नई डगर बना रहा
विश्व का गुरु बनेगा
     सबको ये सिखा रहा
हार के न बैठना
     शक्ति    पर  न  ऐंठना
सिंह की दहाड़ से
     हम अडिग पहाड़ से
वादा हर निभायेंगे
        शत्रु को झुकाएंगे
घोर संकटों के बीच
        हम तो मुस्कुराएंगे
श्रम से कंटको में भी
         पुष्प  हम खिलाएंगे
शोक से ना हार के
         मायूस बैठ जाएंगे
बढ़ के  चूमती कदम
          मंजिलों को पायेंगे
कदम कदम बढ़ाएंगे
         आगे बढ़ते जाएंगे

     ✍️  अशोक विद्रोही
       8218825541
412 प्रकाश नगर मुरादाबाद
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शुरू  करो  पापा  संडे  को  रखना बंद दुकान
                   ( *1* )
हम बच्चों सँग रविवार को मस्ती तनिक मनाओ
हमें  घुमाने  कहीं सिनेमा हॉल मॉल ले जाओ
कब तक सोचोगे बस अपना नफा और नुक्सान
शुरु  करो  पापा  संडे  को  रखना  बंद दुकान
                        ( *2* )
दफ्तर  सारे  रविवार  को  सदा  बंद रहते हैं
सारे  डॉक्टर  छुट्टी के दिन को संडे कहते हैं
सिर्फ तराजू पर तुम तोला करते हो सामान
शुरू  करो  पापा संडे को रखना बंद दुकान

✍️ रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल फोन 99 97 61 5451
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"स्कूल आज न जाऊँ मम्मी,सूरज भी नहीं आया है।
काला बादल गश्त लगाता,डर से दिल थर्राया है।
छतरी की तीली निकली थी,ठीक नहीं करवायी हो।
रेनकोट भी फटा हुआ है,नया नहीं तुम लायी हो।
भीग गया जो मैं पानी में,आफत तुम पर आयेगी।
बैठे बिठाए फिर बीमारी,बिल पर बिल बढ़ाएगी।
देख कभी वह काले बादल,खतरा मोल न लेती है।
सूरज की माँ कितनी अच्छी,रेनी डे कर देती है।
✍️हेमा तिवारी भट्ट
मुरादाबाद 244001
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*प्यारे  तारे*
छोटे -छोटे ,प्यारे -प्यारे
नील गगन  में चमके तारे

शाम हुई  तो सब आ जाते
सूरज निकला सब छिप जाते

हैं तारों की दुनिया न्यारी
आसमान में खिली फुलवारी

जगमग जगमग चमके सारे
टिमटिमा कर करते इशारे

छोटे- छोटे  ,प्यारे- प्यारे
नील गगन  में चमके तारे

 ✍️ स्वदेश सिंह
सिविल लाइन्स
मुरादाबाद 244001
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पुत्र-वधू बोली बेटी से, पोयम एक सुनाओ ।
अच्छी सी बच्ची हो तुम तो, सबको खूब रिझाओ ।

बाबा-दादी खुश होकर के, चाकलेट भी देंगे ।
तारीफों के पुल भी बेटी, तेरी खूब बंँधेंगे ।।

पोती पहले शरमायी फिर, बा बा बा बा गायी ।
सुन हमने पोती की पोयम,  बहुत पीठ सहलायी ।।

पोती बोली बाबा मुझको, वन-टू भी आती है ।
भूल जाऊंँ तो मम्मी मुझे, आंँखें दिखलाती है ।।

इतना कहकर बिटिया पोती, पेंसिल रंँग ले आयी ।
दीवारों पर खींची लाइन, की पेंसिल रगड़ायी ।।

 उसने मुड़ फिर ऐसे देखा, कैसा मैं लिख पायी !
अध्यापक होगी लगता है, दादी यों बतलायी ।।

मंद-मंद मुस्काता मैं भी, सोच रहा था भाई ।
एक इकाई कौन कहे अब, अंग्रेजी है ताई ।।

✍️ राम किशोर वर्मा
   जयपुर ( राजस्थान)
मोबाइल नं०-8433108801
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चंदा  मामा आएंगे
आम रसीले लाएंगे

चूस चूसकर खाएंगे
खूब मजे  उठाएंगे

​नानी के घर जाएंगे
​तारों के संग खेलेंगे

​जब आएगी कोई पतंग
​उसको तोड़ उड़ाएंगे .

​चंदा  मामा आएंगे
​आम रसीले लाएंगे

​✍️राशि सिंह
 मुरादाबाद 244001
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दादी दादी प्यारी दादी
रात बीत चुकी है आधी
छोड़ो भी अब ये मनमानी
 कहो जल्दी कोई कहानी

नीटू से अब नहीं लड़ूंगा
मन लगा के खूब पढूंगा
करूंगा ना कोई शैतानी
कहो जल्दी कोई कहानी

कल से मानूंगा हर बात
रोज़ सुबह माजूंगा दांत
नहीं करूंगा आनाकानी
कहो जल्दी कोई कहानी

चलो हटो थूको ये गुस्सा
पोता नहीं मिलेगा मुझ सा
नई कहो या कहो पुरानी
कहो जल्दी कोई कहानी

 ✍️ डॉ पुनीत कुमार
T -2 /505
आकाश रेजिडेंसी
मधुबनी पार्क के पीछे
मुरादाबाद - 244001
M 9837189600
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लिखी अभी तो नयी नहीं है
बच्ची आयी नयी नहीं    है   ।।
🍬🍬
राम-नाम आओ अब जपने ।
खेलो खेल निराले  अपने   ।
धमा--चौकड़ी रोज मनाओ ।
दिन में भी देखो सब सपने  ।
बात अभी पर , जमी नहीं है।
लिक्खूं कविता नयी- नयी है ।।
🍫🍫
जब गुड्डे सँग गुड़िया आये   ।
जब विटिया सँग बुढ़िया लाये।
खेले खेल-खिलौने जमकर   ,
सँग चूरन जब मुनिया लाये   ।
बात कहेंगे, जमी सही  है     ।
कविता लिक्खी नयी वही है ।।
🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈

✍️ जितेन्द्र कमल आनंद
सांई विहार कालोनी
 रामपुर उ प्र भारत
मोबाइल नम्बर:7017711018
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छुट्टी आयी छुट्टी आयी
मस्ती वाली छुट्टी आयी
धूम मचाते घुमे हरदम
मनभर खुशियाँ लायी।
नहीं किताबें नही कापियां
स्कुल न टीचर का रूल
खाना सोना और खेलना
अबयही जीवन का मूल।छुट्टी..।।
पापा भईया की न डाँट
सुने कहानी दादी साथ
जमके खेले सारा दिन
करते हरदम मन की बात।
छुट्टी आयी छुट्टी आयी
मस्ती वाली छुट्टी आयी।।

✍️श्वेता पूठिया
मुरादाबाद 244001
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छोटू पापा से ये बोला।
राज ह्रदय का उसने खोला।
सोच रहा हूँ कवि बन जाऊँ।
मंचो पर जाकर छा जाऊँ।।
पापा बोले गलत ख्याल है।
कविता लिखना भी मुहाल है।
सपनों में जीना पड़ता है।
छंदों को गढ़ना पड़ता है।
तब जाकर कविता बनती है।
फिर भी हूटिंग हो जाती है।
पापा ये है बात पुरानी
नव कवियों की जात सयानी
कुछ चुटकुले याद कर लूँगा
घुमा फिरा प्रस्तुत कर दूँगा
अपने शानदार अभिनय से
सबको लोटपोट कर दूँगा।
टी वी पर भी छा जाऊँगा
रकम बड़ी लेकर आऊँगा।
मंचों की अब माँग यही है।
कविता की पहचान यही है।

श्रीकृष्ण शुक्ल मुरादाबाद।
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 बाल बूझ पहेली
"नीलकंठ कौए कोयल संग
चील, कबूतर या बन्दर.

भालू,शेर, श्रृंगार ,हिरन संग
मिलते सर्प,मोर, अजगर.

मछली,कच्छप,मगरमच्छ संग
दिखते घोड़े,गदहे,ऊंट

वक्त,बत्तख,तोता मैना से
परिपूरित है............ ....
कृपया रिक्त स्थान की पूर्ति करें

✍️ शिव अवतार रस्तोगी सरस
मुरादाबाद 244001
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सखि, आई चली चीं चीं चिड़िया
मटक-मटक कर ,फुदक -फुदक कर
गर्दन को कुछ ,इधर-उधर कर
ऊषा के उजास से पहले ही
गाकर प्रभाती ,करती स्वागत
एक नयी भोर का ,दिन-प्रतिदिन
चीं चीं चीं   चीं चिक्की  चिड़िया
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पीछे -पीछे काग महाशय
ताक रहे कुछ आँख दबाकर
आज सुबह की सैर  करें
कुछ यहाँ बैठे ,कुछ वहाँ बैठे
कोयल की तानों से ऐंठे
कान दबाकर  ,चुप चुप सरकें
मुंशी जी  कुछ  इतराते
कग कग करते काँव-काँव
आँख बचाकर उड़ जाते ।

 ✍️ मनोरमा शर्मा
अमरोहा
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मम्मी मुझे सुला दो ना।
लोरी मुझे सुना दो ना।
नींद सताती है मुझको,
बिस्तर जरा लगा दो ना।

नींद मुझे जब आयेगी।
स्वप्न मुझे दिखलायेगी।
सुंदर   सपना  देखूंगा, 
जब नींद  गहरायेगी।
                                       
चंदा   मामा    आयेंगे।
हलवा  पूड़ी    लायेंगे।
खूब खिलायेंगे मुझको,
संग  मुझे  ले   जायेंगे।

आसमान में उनका घर।
उड़ कर जायेंगे बिन पर।
परियों के संग खेलूंगा,
हवा चलेगी सर-सर-सर।

मम्मी मुझे जगाना ना।
मुझको सुबह रुलाना ना।
देर तलक में सोऊंगा,
मुझको सुबह सताना ना।

 ✍️ नवल किशोर शर्मा 'नवल'
बिलारी, मुरादाबाद
मो0 नं0- 9758280028
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:::::::प्रस्तुति ::::::;;;
 डॉ मनोज रस्तोगी
8,जीलाल स्ट्रीट
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नंबर 9456687822

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