जो स्वप्न देखा था, आओ उसकी एक तस्वीर बना लें,
ज़िन्दगी मे न सही, कागज़ पे कुछ लकीर बना लें,
जो दौलत के पीछे हैं, वह दिल की बात क्या सुनेंगे,
जिन्दा रहने के लिए, अपना दोस्त एक फ़कीर बना लें।
सपन नहीं जिनकी निंदिया मे, उन नैनो का सोना भी क्या
आँसू निकले,दिल न रोया, उन आँखों का रोना भी क्या
खुद मंज़िल पे जा पहुँचे और, औरों को न राह दिखाई,
प्रीत नही जिनके अंतर मे, उन लोगों का होना भी क्या।
✍️आमोद कुमार अग्रवाल
सी -520, सरस्वती विहार
पीतमपुरा, दिल्ली -34
मोबाइल फोन नंबर 9868210248
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