सोमवार, 8 जून 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार फक्कड़ मुरादाबादी का गीत ------------दूर दूर सब रहना भैया दिल से दूर न होना


दूर दूर सब रहना भैया दिल से दूर न होना
तुम शक्ति के महापुँज हो यह विश्वास न खोना

अन्जाने यह आई बिमारी दीख रही है लाशें
जाने क्या होने वाला है सबकी अटकी सांसें
आज वक़्त के तेवर देखो समझ नहीं कुछ आता
देख मौत का नाच ये नंगा मन सबका घबराता
बन्द पड़े हैं सब मंदिर मस्जिद जाने क्या है होना
दूर दूर सब रहना भैया---------------

महाशक्ति जो कहलाते थे रुके न उनके आंसू
बना कोरोना हाय वायरस मानव रक्त पिपासु
घर घर लाशें दीख रही हैं मिले न उनको कंधा
जाने आगे क्या होगा अब हुआ चोपट सब धंधा
दुनिया विस्मित होकर देखे ऐसा रूप घिनौना
दूर दूर सब रहना भैया--------------

इतना ध्यान रखो तुम प्यारे तुमको ही है लड़ना
मन से भय त्याग कर प्यारे तुमको आगे बढ़ना
स्वच्छ रहो और सादा भोजन नित्य योग अपनाओ
अपनी प्रतिरोधक क्षमता जो सोई उसे जगाओ
जीत तुम्हारी होगी निश्चित प्यारे तनिक डरोना
दूर दूर सब रहना भैया---------------

विश्व बन्धुत्व का महामंत्र तुम मन से इसको जपना
मानवता के द्वार पर को नहीं पराया अपना
ऊपर वाला चीख रहा है अब तो आँखे खोलो
तुम से बढकर नहीं कोई भी ख़ुद को जरा टटोलो
निश्चित फिर से निखरेगा दुनिया का रूप सलोना
दूर दूर सब रहना भैया--------------

इसको पैदा करने वाला मानवता का दुश्मन
उसका सर्वनाश होना है जिसने छीना जीवन
तुम देवों के वंशज ठहरे तनिक नहीं घबराना
फिर से महकेगा यह निश्चित मानव धर्म सुहाना
तुम पर यारा कभी चले न कोई जादू टोना
दूर दूर सब रहना भैया-------------

                 ✍️ फक्कड़ मुरादाबादी
                    (9410238638)

1 टिप्पणी: