गुरुवार, 13 अगस्त 2020

मुरादाबाद की साहित्यकार मीनाक्षी ठाकुर की लघुकथा ----कोरोना का खतरा ?


"देखिये मैडम स्कूल तो आपको आना ही पड़ेगा!!"हैडमास्टर जी ने त़ल्ख लहज़े में फोन पर कहा।
"पर सर जब बच्चे नहीं आयेंगे तो हम पूरा दिन स्कूल में बैठकर क्या करेंगे?आन लाइन तो हम घर से पढ़ा ही रहे हैं न?"संजना ने पूछा।
"ये तो आप सरकार से पूछिये मैडम,हमें जो आदेश मिला है हम तो उसे ही बता रहे हैं और हाँ आप अकेली नहीं हो जो स्कूल आओगी।"उधर से हैडमास्टर जी के शब्दों में विवशता और व्यंग्य दोनो झलक रहे थे।
"पर सर!! ....मैं स्कूल आऊँगी कैसे ? मुझे तो स्कूटी वगैरह भी चलानी नहीं आती और पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आने में कोरोना का खतरा......,!!"संजना की बात पूरी होने से पहले ही हैडमास्टर जी ने फोन काट दिया था।
परेशान होकर संजना ने दोबारा हैडमास्टर जी का नम्बर लगाया तो फोन पर कालर ट्यून बज रही थी,
"आज पूरा देश कोविड 19 से जूझ रहा है,ऐसे में जब बहुत ज़रूरी हो तभी घर से बाहर निकलें....किसी भी तरह की परेशानी होने पर राष्ट्रीय हैल्प लाइन नम्बर  पर फोन करें.... याद रखें हमें कोरोना को फैलने से रोकना है.. भारत सरकार द्वारा जनहित में जारी."

✍️ मीनाक्षी ठाकुर
मिलन विहार
मुरादाबाद


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