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यह कहना है मुरादाबाद के प्रख्यात साहित्यकार डॉ मक्खन मुरादाबादी जी का
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मनोज बधाई।ये गीत तो आज संवाद में आ रही गीत धारा से जुड़ गए। रामावतार त्यागी शुद्ध गीत के कवि नवगीत को पार करके अभिनव गीत की भूमिका लिख गए। यात्राएं जारी हैं , बस यह तय होना है कि किस स्टेशन से किस स्टेशन तक। मुझे लगता है, इसका निर्धारण और मां सरस्वती की ओर से इसका निराकरण करने के लिए मुझे थोड़ा-बहुत ज्ञान दे दिया गया है । आगे जो भी हो।
तुम्हें बधाई और शुभकामनाएं।
डॉ मक्खन मुरादाबादी