सिर पर टोपी है रखी, मन में बहुत सवाल ।
इधर उधर अब झांकते,नहीं गल रही दाल।
मोदी जी पर नित नये,लगा रहे आरोप,
झूठे अब प्रपंच रच,करते बहुत बवाल।।
सीट गयी इज्जत गयी,छूटा है अब ताज,
बनते थे इक शेर से, है गीदड़ की खाल।
समझाए यह कौन अब,देश काल की बात,
अब मूरख जन हैं नहीं,फॅसें किसी ना हाल।।
मुॅह में हड्डी है फॅसी,अंदर-बाहर होय,
राजनीति भी दिख रही,अब जी का जंजाल।।
कुछ तो अच्छा कीजिए,अटल कहै है आज,
वरना डूबे नाव अब,हो गति बस बेहाल।।
(2)
भावना तो कहीं मर गयी देखिये ।
चंद आँसू नयन भर गयी देखिये।
कारवाँ तो जुडा पर हवा हो गया,
भूख उसको हज़म कर गई देखिये।
नोक पर तीर की भाग्य की रेख है,
भाग्य की रेख तो मर गयी देखिये।
फूल तो हैं खिलें खिल के मुरझा गये ,
गंध आँगन चमन झर गयी देखिये।
वक़्त तो कट गया फ़ासला छँट गया,
बेबसी प्यार को हर गयी देखिये।
✍️ अटल मुरादाबादी
बी -142 सेक्टर-52
नोएडा उ ०प्र०
मोबाइल फोन नम्बर 09650291108
8368370723न
Email: atalmoradabadi@gmail.com
& atalmbdi@gmail.com
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