शुक्रवार, 21 अगस्त 2020

मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ श्वेता पूठिया की लघुकथा --- समाज सेवा


सोनू दीदी ने समाज सेवा के क्षेत्र में बहुत नाम कमाया। कई संस्थाओं ने उनके कार्यों की फोटो देखकर उन्हें सम्मानित भी किया। आज सोलह साल की एक लड़की फरीदा उनसे मदद माँगने आयी ।बोली,"दीदी मेरे माँबाप मेरी शादी एक 40 साल के व्यक्ति के साथ कर रहे है।प्लीज़ आप मुझे बचा लीजिए।मुझे पढ़ना है।अभी शादी नहीं करनी"।"अपने माँ पिता को समझाओ ", दीदी बोली।"मैने बहुत कहा मगर वो मान नहीं रहे,वो मेरे पिता का कर्ज भी चुकायेगा। ये तो मेरा सौदा हुआ न दीदी।मेरे घर से निकलने पर भी पाबंदी है। बड़ी मुश्किल से आयी हूँ।दीदी मुझे अपने घर में रख लीजिए"। सोनू दीदी बोली"अरे नहीं ऐसा नहीं कर पायेंगे, तुम तो मुस्लिम हो और कहींं हिन्दू मुस्लिम विवाद न हो जाये।तुम अपने घर जाओ।हम पुलिस भेज देंंगे"।फरीदा आँखों मे आँसू लिए खड़ी रह गयी।दीदी  गाड़ी मेंं बैठ अगले कार्यक्रम मेंं सम्मानित होने चली गयीं।

✍️ डा.श्वेता पूठिया
मुरादाबाद

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