शनिवार, 15 अगस्त 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ पुनीत कुमार की लघुकथा ------बेईमानी


वो दीन हीन सा 10साल का बालक रामू,कल से भूखा था।मंदिर का प्रसाद खा कर,उसमे थोड़ी सी जान पड़ी।थोड़ा सा पेट और भरने के लालच में,वो दुबारा लाइन में लग गया लेकिन ये तो बेईमानी होगी अचानक उसके मन में ये विचार आया,और वो लाइन से अलग हो गया।
    प्रसाद का वितरण,दीनानाथ जी की देख रेख में चल रहा था।उनकी सख्त हिदायत थी,किसी को दो बार प्रसाद नहीं देना है।प्रसाद की लाइन में रामकुमार जी भी लगे हुए थे।नंबर आने पर उन्होंने प्रसाद लिया और जाने लगे तो दीनानाथ जी ने उनको रोक लिया और उनको अंदर से एक थैली में बहुत सारे लड्डू लाकर दिए।
  बेटे को जाकर खिलाना।मुझे पता है,उस
को बेसन के लड्डू बहुत पसंद है।

डॉ पुनीत कुमार
T-2/505
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मधुबनी पार्क के पीछे
मुरादाबाद - 244001
M - 9837189600

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