गुरुवार, 4 जून 2020

मुरादाबाद की साहित्यकार स्वदेश सिंह की लघुकथा.... दहशत


सुनों..... गोलू की मम्मी.... मैं  अपना अपनी खांसी का टेस्ट कराने हॉस्पिटल जा रहा हूँ । गोलू की मम्मी ने चौकतें हुए कहा .... क्या  ????  कह रहे हो ..तुम्हें तो यह खांसी का धशका  लगभग 20 साल से है और तुमने अभी तक कोई टेस्ट नहीं कराया और अचानक आज कैसें..... गोलू के पापा ने हिचकते हुए कहा.. कि वह आजकल कोरोना चल रहा है... इसलिए मुझे चिंता हो रही है.. एक बार करोना टेस्ट करा लूं  तो उसके बाद निश्चिंत हो जाऊँगा.... गोलू की मम्मी ने कहा ठीक है... अपने मन का वहम भी खत्म करो जाओं..... तेजा अपना कोरोना टेस्ट कराने के लिए हॉस्पिटल चला गया और हॉस्पिटल से आनें के बाद गुमसुम सा रहने लगा  गोलू की मम्मी के बार-बार पूछने पर भी वह चुपचाप ही रहता था कुछ नहीं कहता था ...अभी टेस्ट कराए हुए एक दिन ही बीता होगा कि अचानक उसको सीने में दर्द होने लगा..... तेजा ने यह बात परिवार के किसी भी सदस्य को नहीं बताई और खुद ही दर्द झेलता रहा.... और घेर में सोने के लिए चला गया।  ...सुबह उठकर जब  तेजा की पत्नी घेर में गई तब उसने देखा कि उसका पति अभी तक सो रहा है ।....वह उसे हिलाकर जगाने लगी... बार-बार हिलाने पर भी जब उसने देखा की वह नहीं जगा तो उसने चिंता होने लगी ....वह घबरा कर तेज तेज हिलाने  लगी  पर यह क्या???  उसका शरीर बेजान  हो  चुका था। ....उसकी पत्नी की चीख निकल गई  जोर-जोर से दहाड़े मारकर रोने लगी .... तेजा  अब इस दुनिया को छोड़ कर जा चुका था ।....3 दिन बाद करोना की  रिपोर्ट आई . जो कि निगेटिव थी.....परंतु उससे पहले ही तेजा अपनी जिंदगी को अलविदा कह चुका था।... और एक हँसता- खेलता परिवार कोरोना की भेंट चढ़  गया।

✍️ स्वदेश सिंह
सिविल लाइन्स
मुरादाबाद
099456222230

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