बुधवार, 16 सितंबर 2020

मुरादाबाद मंडल के जनपद अमरोहा निवासी साहित्यकार प्रीति चौधरी की लघुकथा --- अंतिम ख़त

     
प्रिय रवि,
            आज नन्हें स्पर्श से एक अद्भुत अनुभूति हुई तब सहसा स्वयं में ममता का समावेश होते देखा।उन नन्ही उँगलियो की पकड़ तुम्हारे प्रेम बंधन से भी अधिक मज़बूत थी ।दीदी का केन्सर अंतिम स्थिति पर है .....
वह चाहती है कि उनके सामने ही.......
तुम्हारी प्रेयसी यहाँ जब आयी थी ,तुमसंग जीवन साथ बिताने के स्वप्न इन आँखो में थे परंतु मेरे अंदर की नारी कब माँ बन गयी है मुझे पता ही नही चला ।मैंने उसे अपनी ममता की छांव देने का निर्णय कर लिया है ।मुझे माफ़ कर देना।तुम्हारे लिए सदा सुंदर जीवन की कामना करती हूँ।
अंत में बस यही कहूँगी कि  यह किरण हमेशा अपने रवि की रहेगी।                     
                                    सिर्फ़ तुम्हारी
                                    किरण

✍️ प्रीति चौधरी
गजरौला,अमरोहा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें