बुधवार, 30 सितंबर 2020

मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ प्रीति हुंकार की लघुकथा -----तारीफ

दीदी इतनी जिम्मेदारियों के बीच नौकरी और घर की व्यवस्था में सामन्जस्य कैसे बैठा लेती हो ?"नीति ने अपनी बहन अवनि की तारीफ करते हुए कहा"मैं तो घर पे रहती हूँ ,फिर भी बहुत ज्यादा अच्छे से घर को व्यवस्थित नहीं कर पाती । हर समय पत्नी की ओर उँगली उठाने वाले गौरव को अपनी पत्नी की यह तारीफ हजम नहीं हो सकी ,तो वह तेज नींद का बहाना करके दोनो बहनों की बातें देर तक सुनता रहा।

✍️डॉ प्रीति हुँकार , मुरादाबाद

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