बुधवार, 30 सितंबर 2020

मुरादाबाद मंडल के साहित्यकारों दीपक गोस्वामी चिराग, डॉ श्वेता पूठिया,राजीव प्रखर, अशोक विद्रोही, डॉ पुनीत कुमार और प्रीति चौधरी की बाल कविताएं


बच्चो!! राष्ट्रीय पशु मैं बाघ। 

मुझे देख जाते सब भाग।
नजर अगर मुझसे मिल जाए।
सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाए।

है कोई मुझसे तेज जो दौड़े।
चाहे हिरन हों, चाहे घोड़े।
पीले रंग पर खिंची हैं धारी।
मां गौरी की बना सवारी।

देखो! मैंने शेर हराया।
फिर इस गौरव को है पाया।

✍️दीपक गोस्वामी 'चिराग'
शिवबाबा सदन, कृष्णाग
बहजोई (सम्भल)244410
मो. 9548812618
ईमेल:deepakchirag.goswami@gmail.com
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मेरी छोटीसी गुड़िया रानी
कापी लेकर दौड़ रही।
अम्मा मै पढ़ने जाउंगी
कहके वो चहक रही।
पढ़कर क्या होगा मेरी रानी
पूछा ये बस मैंने यूहीं।
वह इठलाकर बोली
अम्मा पढ़कर जज बन जाउंगी।
रोज न्यायालय जाऊंगी
सुनकर सबकी सारी बातें
अपना फैसला सुनाउंगी
जीत सदा होगी  सच की
हार के झूठ अपना मुँह छिपायेगा
ऐसी जज बनकर मै
तेरा  मान बढ़ाऊंगी
अम्मा मै पढलिखकर
जज बन जाउंगी

✍️डा.श्वेता पूठिया
मुरादाबाद
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एडीसन ने बचपन से ही,
कड़ा जतन यह कर दिखलाया।
दुनिया बोली पागल उसको,
फिर भी उसने बल्ब बनाया।

जो बस किस्मत को रोते हैं,
वे ही अवसर को खोते हैं ।
बिना परिश्रम प्यारे बच्चो,
सपने सत्य नहीं होते हैं।

सोना तप कर बनता कुंदन,
इसमें जीवन सार समाया।
एडीसन ने बचपन से ही,
कड़ा जतन यह कर दिखलाया।

दुनिया बोली पागल उसको,
फिर भी उसने बल्ब बनाया।

-✍️राजीव 'प्रखर'
मुरादाबाद (उ० प्र०)
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मां मुझको बंदूक दिला दो,
              मैं भी लड़ने जाऊंगा ।
पाक चीन शत्रु जो अपने,
            उनको मजा चखाऊंगा ।।
छोटे-मोटे खेल खिलौने ,
         मुझको अब नहीं भाते हैं ।
पापा के लड़ने के जौहर,
             याद मुझे बस आतें हैं ।।
पापा जैसा बनुं सिपाही,
             देश पे जान लुटाऊंगा ।
मां मुझको बंदूक दिला दो,
               मैं भी लड़ने जाऊंगा ।।
मातृभूमि की करूं अर्चना,
           उसका ही गुणगान करूं ।
वीरों की मैं करूं आरती ,
        उनको नमन प्रणाम करूं ।।
सीमाओं पर गाड़ तिरंगा,
             देश का मान बढ़ाऊंगा ।
मां मुझको बंदूक दिला दो,
             मैं भी लड़ने जाऊंगा ।।
नस नस में मेरे पापा का
             लहू हिलोरें मार रहा ।
पापा का बदला लेने को,
               अंतर्मन हुंकार रहा ।।
नींद नहीं आती है मुझको ,
              तभी  चैन मैं पाऊंगा ।
मां मुझको बंदूक दिला दो,
              मैं भी लड़ने जाऊंगा ।।
दादी का सपना पापा ने,
         सैनिक बन साकार किया ।
तोड़ मोह के सारे बंधन ,
           भारत मां से प्यार किया ।।
मेरे वंश की परंपरा को ,
              मैं कैसे न निभाऊंगा ।
मां मुझको बंदूक दिला दो,
              मैं भी लड़ने जाऊंगा ।।
राजगुरु,सुखदेव,भगतसिंह,
                जैसे अनगिन दीप बुझे ।
बलिदानी भारत वीरों की,
                  गाथाएं सब याद मुझे ।।
अभिनंदन सा शेर बनूं और ,
                 फाइटर जेट उड़ाऊंगा ।
मां मुझको बंदूक दिला दो ,
                  मैं भी लड़ने जाऊंगा ।।
पाक चीन जो शत्रु अपने,
                उनको मजा दिखाऊंगा ।।
        
✍️अशोक विद्रोही
412 प्रकाश नगर मुरादाबाद
   82 188 25 541
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हाथ करें सब अच्छा अच्छा                                    पांव चुने पथ अच्छा अच्छा

कान सुनें सब अच्छा अच्छा
आंखे देखें  अच्छा अच्छा

खाना खाएं अच्छा अच्छा
गाना गाएं  अच्छा अच्छा

मुख से बोलें अच्छा अच्छा
मन में सोचें अच्छा अच्छा

हो जाए सब अच्छा अच्छा
करे प्रार्थना  बच्चा  बच्चा

डाॅ पुनीत कुमार
T - 2/505
आकाश रेजिडेंसी
मधुबनी पार्क के पीछे
मुरादाबाद 244001
M - 9837189600
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घंटी
बजती नही
अब विद्यालय की
अखरती हैं
छुट्टी

प्रार्थना
मौन हुई
विद्यालय भूल गये
सुबह को
चहकना

कोरोना
क़हर से
आंगन हो गया
विद्यालय का
सूना

रौनक़
लौट आये
देख सकें मुस्कान
बच्चों की
मोहक

✍️ प्रीति चौधरी
  गजरौला,अमरोहा

     

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